पंचतत्व में विलीन हुए दारोगा अंकित चौधरी
बुलंदशहर में एसएसपी के पीआरओ का बुधवार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया था। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर खतौली के होली चौक मोहल्ला तगान स्थित आवास पहुंचा। शव आते ही माहौल गमगीन हो गया। स्वजन बिलख पड़े। पुलिस विभाग ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। पुलिसकर्मियों ने अंतिम सलामी दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शवयात्रा में पुलिस अधिकारी स्वजन रिश्तेदार व संभ्रांत लोग शामिल हुए।
मुजफ्फरनगर, टीम जागरण। बुलंदशहर में एसएसपी के पीआरओ का बुधवार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया था। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर खतौली के होली चौक मोहल्ला तगान स्थित आवास पहुंचा। शव आते ही माहौल गमगीन हो गया। स्वजन बिलख पड़े। पुलिस विभाग ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। पुलिसकर्मियों ने अंतिम सलामी दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। शवयात्रा में पुलिस अधिकारी, स्वजन, रिश्तेदार व संभ्रांत लोग शामिल हुए।
खतौली कस्बे के होली चौक मोहल्ला निवासी दारोगा अंकित चौधरी बुलंदशहर एसएसपी के पीआरओ थे। बुधवार की वह देर शाम एसएसपी आवास पर थे। अचानक वह लड़खड़ाकर गिर गए थे। बुलंदशहर जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। हार्ट बीट अचानक बढ़ने और अटैक होने से उनकी मौत की आशंका जताई गई थी। अंकित चौधरी के निधन से पुलिस विभाग में मातम छा गया था। स्वजन में कोहराम मचा है। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर आवास पर पहुंचा, जिससे माहौल गमगीन हो गया। शव से लिपटकर स्वजन बिलख पड़े। पूरा घर मां और पत्नी की चीत्कार से दहल उठा। पति के अचानक निधन से पत्नी नेहा बेसुध हो गई। पुलिस विभाग के अधिकारियों ने अंकित के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद शव को श्मशान घाट ले जाया गया। पुलिसकर्मियों ने अंतिम विदाई दी। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। दारोगा के तीन वर्षीय पुत्र काविस ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। मासूम ने पिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे भर आई। दारोगा अंकित चौधरी को अंतिम विदाई में पुलिस विभाग के अधिकारी, स्वजन, रिश्तेदार व संभ्रांत लोग शामिल हुए। जन्म व निधन एक दिसंबर को
खतौली कस्बे के तगान मोहल्ला निवासी दारोगा अंकित चौधरी के निधन से स्वजन के सपने बिखर गए। उन पर गम पहाड़ टूट गया। उनके आकस्मिक निधन से सभी की आंखों से अश्रुधारा बह निकली। दारोगा अंकित चौधरी पढ़ाई में होनहार और हंसमुख थे। किसी भी मुश्किल के आने पर परेशान नहीं होते थे। वह परिवार के इकलौते चिराग थे। परिवार में पिता राकेश चौधरी, मां अनीता, पत्नी नेहा व तीन वर्षीय पुत्र काविस है। पिता राकेश चौधरी ने बताया कि वह बचपन से पढ़ाई में अव्वल थे। पुलिस विभाग में जाने के लिए तीन सरकारी नौकरियों को ठुकरा दिया था। उसका जन्म एक दिसंबर 1987 को हुआ था। यह संयोग ही है कि जिस दिन उनका निधन हुआ उस दिन भी एक दिसंबर था। बताया कि वह परिवार का इकलौता चिराग था। उसकी दिल्ली दिलशाद गार्डन इंटर कालेज, शांहजहापुर उच्च प्राथमिक विद्यालय और पशुधन प्रसार विभाग-लखनऊ में नौकरी लगी, लेकिन दारोगा में चयनित होने पर इन नौकरियो को नहीं किया था। उनकी इच्च्छा पुलिस विभाग में रहकर समाजसेवा करने की थी। अंकित के निधन से पिता, मां, पत्नी और अन्य परिवार के लोग सदमें में हैं। उसके तीन वर्षीय पुत्र काविस के चेहरे से हंसी गायब हो चुकी है। घर में मातमी सन्नाटा है।