महंगाई के विरोध में हाईवे जाम कर दिया धरना

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) तोमर के कार्यकताओं ने महंगाई और कृषि कानूनों के विरोध में छपार में हाईवे जाम कर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 10:55 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:55 PM (IST)
महंगाई के विरोध में हाईवे जाम कर दिया धरना
महंगाई के विरोध में हाईवे जाम कर दिया धरना

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) तोमर के कार्यकताओं ने महंगाई और कृषि कानूनों के विरोध में छपार में हाईवे जाम कर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई।

छपार में नेशनल हाईवे-58 पर गुरुवार को एकत्र भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी कर जाम लगा दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। युवा जिलाध्यक्ष अंकित गुर्जर ने कहा कि महंगाई की मार से किसान परेशान हैं। राष्ट्रीय प्रतिनिधि पवन त्यागी ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में सात माह से देशभर का किसान आंदोलन कर रहा है, परंतु सुनवाई नहीं हो रही है। एसडीएम सदर दीपक कुमार, सीओ सदर हेमंत कुमार व इंस्पेक्टर प्रेमप्रकाश शर्मा पुलिस फोर्स के साथ हाईवे पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को समझाकर जाम खोलने को कहा, परंतु उन्होंने इन्कार कर दिया। पुलिस व कार्यकर्ताओं में तीखी झड़प भी हुई। कार्यकर्ताओं ने महंगाई का पुतला भी फूंका। पुलिस ने पुतला खींचने का प्रयास किया। कार्यकर्ताओं ने एसडीएम सदर को ज्ञापन देकर धरना समाप्त किया। ब्लाक अध्यक्ष अजय त्यागी, कलीम प्रधान, निखिल चौधरी, पवन त्यागी, अयूब मार्शल, मनीष गुर्जर, शमशाद, चंदन त्यागी, शमसुद्दीन, नीरज चौहान, पंकज पंवार, आरती, इर्तजा, जवान सिह व सुरेश आदि मौजूद रहे।

कानून वापस होने तक चलता रहेगा आंदोलन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। भारतीय सिख संगठन ने पुरकाजी खादर के भदौला स्थित गुरुद्वारा में बैठक कर बड़ी संख्या में गाजीपुर बार्डर पहुंचने की हुंकार भरी। वक्ताओं ने संगठन मजबूत करने पर बल दिया। कहा कि काले कानून की वापसी तक दिल्ली बार्डर पर किसानों का आंदोलन चलता रहेगा।

बैठक में सरदार देवेंद्र सिंह खालसा ने कहा कि कृषि कानून को लेकर 26 जून को प्रस्तावित किसान संगठनों के प्रदर्शन में भीड़ के साथ गाजीपुर बार्डर पर पहुंचना है। सरकार के काले कानून वापस लेने तक दिल्ली घेरकर बैठे किसान नहीं उठेंगे और न ही आंदोलन खत्म होगा। इस दौरान जसविद्र सिंह, गुरमीत सिंह, सरदार कुलवंत सिंह, जगतार सिंह, महल सिंह, गुरुमेल सिंह व हरमिद्र सिंह आदि मौजूद रहे।

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