खादर में फलफूल रहा है कच्ची शराब का धंधा
जनपद में रोजाना तैयार होती है कच्ची शराब।
मुजफ्फरनगर : कच्ची शराब निकालने के लिए खादर सबसे महफूज जगह बताई जाती है। जनपद से लेकर बिजनौर तक खादर क्षेत्र में जंगलों के बीच दिन रात कच्ची शराब बनाई जाती है। त्योहार व चुनावी सीजन में सूबे के अलावा पड़ोसी राज्य में भी तस्करी से शराब को तय ठिकानों पर पहुंचाया जाता है।
जनपद के पुरकाजी, ककरौली व भोपा थाना क्षेत्र का खादर शराब बनाने का गढ़ माना जाता है। तीनों थानों के शुकतीर्थ, मजलिसपुर तौफीर, बिहारगढ़, धारीवाला, भुवापुर, मीरावाला, भदौला, दादूपुर, अलमावाला, रज्जकलापुर व रतनपुरी आदि गांवों के जंगल सालों से कच्ची शराब बनाने के लिए बदनाम है। जंगलों के बीच में ईख के खेतों में भट्ठी चलाना तस्करों को मुफीद लगता है। गुड़ के घोल से लाहन तैयार करने के बाद यूरिया व केमिकल से कच्ची शराब तैयार की जाती है। गंगा व सोनाली नदी के किनारों पर लगी शराब की भट्ठियों पर रोजाना हजारों लीटर कच्ची शराब तैयार की जाती है। देर रात तक चलाई जाने वाली भट्ठियों पर खरीदार जंगल में ही पहुंच जाते हैं। सूत्रों की माने तो होली व दीपावली के त्योहार के अलावा चुनावों में भी मतदाताओं को लुभाने के लिए भारी मात्रा में कच्ची शराब सप्लाई की जाती है। यहां तैयार शराब को माफिया कमाई के जुगाड़ में बिजनौर, मेरठ, बागपत, हरिद्वार व शामली आदि जिलों में वाहनों के माध्यम से सप्लाई करते हैं। वाहनों से की जाती है सप्लाई
कच्ची शराब की सप्लाई में वाहनों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। सूत्रों की मानें तो बाइक की दोनों साइड पर ट्यूब लगाकर व कार की डिग्गी में पन्नी में भरी शराब को तस्कर शाम होते ही लोड कर लेते हैं। वाहनों को इधर-उधर छुपाकर खड़ा कर दिया जाता है। आधी रात के बाद जब ये आभास होता है कि पुलिस सो गई होगी, तभी तस्कर बाहर निकलकर गांव-गांव जाकर सप्लाई करते हैं। गांवों में सब्जी व चाट आदि की दुकानों पर शराब धड़ल्ले से बिकती है। पुरकाजी में कई जगहों पर चर्चित महिलाएं शराब बेचने का धंधा करती है। उत्तराखंड की सीमा नजदीक होने के कारण खादर क्षेत्र से वहां के तस्कर भी शराब खरीदकर अपने राज्य में सप्लाई करते हैं। पुलिस का भी नहीं भय
शराब बनाने वाले इतने शातिर हैं कि करीब छह साल पूर्व पुरकाजी के खादर में दबिश देने गई आबकारी की टीम को तस्करों ने दौड़ा दिया था। टीम के वाहनों तक में तोड़फोड़ की गई थी। सरकारी गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए थे। कई सिपाहियों को चोट आई थी। पुलिस मिलीभगत के चलते धंधा पूरी तरह से फलफूल रहा है। सूत्रों की मानें तो मिलीभगत इस कदर है कि दबिश देने जा रही टीम की सूचना पहले ही पुलिस के बीच का खबरी शराब माफिया को भेज देता है। जिसके चलते तस्करों को पकड़ने में दिक्कत होती है। कच्ची शराब के विरोध में परेशान महिलाएं थानों पर समय-समय पर प्रदर्शन करती रहतीं हैं। शिकायत व मुखबिरी करने वालों को माफिया खुलेआम धमकाते हैं। इन्होंने कहा..
खादर में भट्ठी चलाने वाले अधिकतर आरोपित फिलहाल जेल में बंद हैं। पुलिस समय-समय पर अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करती है। कई जगहों पर सूचना के आधार पर दबिश दी गई है।
- अमरदीप लाल, प्रभारी निरीक्षक, पुरकाजी।