लापरवाही बरती तो जल्द घेर लेगी तीसरी लहर : डा. अनुभव जैन

लाकडाउन खुलने के बाद वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डा. अनुभव जैन लोगों को सावधान कर रहे हैं। कहते हैं कि यदि लापरवाही बरती तो तीसरी लहर जल्द आएगी। उनका मानना है कि यदि सावधानी अपनाई जाए तो कोरोना से बचा जा सकता है। कहते हैं कि बेहतर है कि दूसरी लहर वाले हालात फिर न बनें।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:45 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:45 PM (IST)
लापरवाही बरती तो जल्द घेर लेगी तीसरी लहर : डा. अनुभव जैन
लापरवाही बरती तो जल्द घेर लेगी तीसरी लहर : डा. अनुभव जैन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। लाकडाउन खुलने के बाद वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डा. अनुभव जैन लोगों को सावधान कर रहे हैं। कहते हैं कि यदि लापरवाही बरती तो तीसरी लहर जल्द आएगी। उनका मानना है कि यदि सावधानी अपनाई जाए तो कोरोना से बचा जा सकता है। कहते हैं कि बेहतर है कि दूसरी लहर वाले हालात फिर न बनें।

वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन तथा वर्धमान हास्पिटल संचालक डा. अनुभव जैन कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को याद कर कहते हैं कि एक समय ऐसा आया था कि चिकित्सक भी असहाय हो गए थे। कहते हैं कि ऐसा प्रयास किया जाए कि उस वक्त की पुनरावृत्ति न हो। टीकाकरण बनेगा सबकी सुरक्षा का कवच

डा. अनुभव जैन कहते हैं कि टीकाकरण कोरोना से बचने के लिए टीका अहम हथियार साबित हो सकता है। टीका एक प्रकार से कोरोना का कवच है। सभी को चाहिए कि जितना जल्दी हो सके अधिक से अधिक टीकाकरण कराएं। ताकि समय रहते सभी के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो सके। अनावश्यक घरों से बाहर जाने में बड़ा खतरा

डा. अनुभव जैन कहते हैं कि अनावश्यक घरों से बाहर न निकलें। उनका मानना है कि यह समझ लेना गलत है कि कोरोना वायरस संक्रमण समाप्त हो चुका है। संक्रमण स्तर कम हुआ है, लेकिन कोरोना पूर्ण रूप से गया नहीं। कहते हैं कि विशेषज्ञों के अनुसार यदि लापरवाही का स्तर कम हुआ तो तीसरी लहर का संक्रमण घेर लेगा। बड़े सुरक्षित तो रहेंगे बच्चे भी पूर्ण से सुरक्षित

डा. अनुभव जैन लोगों को एक-दूसरे से कम से कम छह फिट की शारीरिक दूरी बनाकर रखने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि चेहरों पर मास्क लगाएं तथा हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। कहते हैं कि आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यदि बड़े सुरक्षित रहेंगे तो बच्चे स्वयं ही कोरोना से सुरक्षित हो जाएंगे। इसलिए बड़ो को संक्रमण से पूरी तरह बचना होगा। घूमने फिरने का नहीं, आत्मचितन का है समय

डा. अनुभव जैन कहते हैं कि लोगों ने संक्रमण का ग्राफ नीचे जाते ही घूमना-फिरना शुरू कर दिया है। कहते हैं कि लाकडाउन में छूट का मतलब ये नहीं कि लोग आउटिग पर जाने लगें। कहते हैं कि सभी को इस पर आत्मचितन करना होगा।

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