गुरु के लिए बुद्धि का कुआं नहीं, हृदय का समुद्र चाहिए

मुजफ्फरनगर जेएनएन। तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित श्री बालाजी योग विज्ञान अनुसंधान केंद्र में गुरु पूर्णिम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 11:38 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 11:38 PM (IST)
गुरु के लिए बुद्धि का कुआं नहीं, हृदय का समुद्र चाहिए
गुरु के लिए बुद्धि का कुआं नहीं, हृदय का समुद्र चाहिए

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। तीर्थ नगरी शुकतीर्थ स्थित श्री बालाजी योग विज्ञान अनुसंधान केंद्र में गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को योगीराज प्रकाशानंद महाराज के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में योगिनी मां राजनंदेश्वरी ने कहा कि गुरु बिन ज्ञान संभव नहीं है। गुरु ही अपने शिष्यों की कठिनाइयों का दूर कर उन्हें सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। गुरु की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है। अगर सारे समंदर को स्याही और समूची धरती के पेड़ों को कलम बना लिया जाए तो भी गुरु की महिमा का बखान नहीं किया जा सकता है। इससे पूर्व शिष्या गायत्री, मीरा अग्रवाल, मुस्कान, राकेश अग्रवाल, नरेश कुमार, मयंक शास्त्री आदि अनुयायियों ने विधि-विधान से गुरु जी की आरती कर पूजन किया। इस दौरान विश्व शांति के लिए हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा सत्यप्रकाश त्यागी व वेदपाठी पंडित प्रदीप शर्मा ने मुख्य भूमिका निभाई। वही, उदासीन निर्वाण आश्रम में महंत बाबा कृपाल दास महाराज ने कहा कि गुरु-शिष्य को अपनी मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। गुरु की सामर्थ, ज्ञान तथा शिष्य की श्रद्धा दोनों को महान बना देती है। भगवान और गुरु को समझने के लिए बुद्धि का कुआ नहीं, बल्कि हृदय का सागर चाहिए। शिष्य निहाल दास, श्रवण दास, दर्शन दास, अमर दास, सुषमा, लता देवी, जन्म सिंह, जगपाल आदि ने गुरुजी की आरती कर पूजा अर्चना की। शक्ति सिद्ध पीठ मां पूर्णागिरी आश्रम में महामंडलेश्वर गोपाल दास महाराज ने अपने गुरु ब्रह्मलीन हनुमान महाराज की समाधि में उनकी प्रतिमा पर विधि-विधान से पूजा अर्चना की। कार्यक्रम में नारायण दास, कन्हैया दास, दीपक त्यागी, सतनाम, रोशन लाल आदि मौजूद रहे।

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