कलश यात्रा निकालकर किया भगवान का अभिषेक
खतौली में अनंत चतुर्दशी पर्व पर रविवार को जैन धर्म के अनुयायियों ने भक्तिभाव के साथ भगवान वासु का कल्याणक महोत्सव मनाया। जैन मंदिरों में निर्वाण लड्डू समर्पित करने के लिए स्त्री पुरुष व बच्चों की भीड़ रही। उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना व संकल्प किया गया। जैन मंडी मंदिर से नसिया मंदिर तक जल कलश यात्रा निकाली गई इस दौरान श्रद्धालुओं ने नृत्य किए।।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में अनंत चतुर्दशी पर्व पर रविवार को जैन धर्म के अनुयायियों ने भक्तिभाव के साथ भगवान वासु का कल्याणक महोत्सव मनाया। जैन मंदिरों में निर्वाण लड्डू समर्पित करने के लिए स्त्री, पुरुष व बच्चों की भीड़ रही। उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा-अर्चना व संकल्प किया गया। जैन मंडी मंदिर से नसिया मंदिर तक जल कलश यात्रा निकाली गई, इस दौरान श्रद्धालुओं ने नृत्य किए।।
दोपहर में नौ जैन मंदिरों में पवित्र जल से जिनेंद्र भगवान की प्रतिमा का अभिषेक नवन किया गया। धर्म संदेश में अशोक व कल्पेंद्र जैन ने कहा कि ब्रह्मचर्य का वास्तविक अर्थ है अपनी ज्ञान रूपी आत्मा मे लीन होना। व्यवहार में मन के विकारों को जीतने का नाम ब्रह्मचर्य है। नारी जाति का सम्मान करना गृहस्थ का ब्रह्मचर्य है। हमारे पुराणों में सीता, द्रौपदी, मनोरमा, अंजना, रयणमंजूषा आदि महासतियों तथा भगवान नेमि पार्श्व, महावीर, सुकौशल मुनि, भीष्म पितामह आदि सत्पुरुषों के प्रेरक जीवन-प्रसंग मिलते है, जिनसे समाज को ब्रह्मर्च धर्म अंगीकार करने की प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर भैंसी व सठेड़ी जैन मंदिर में भगवान के दर्शन का भी पुण्यार्जन प्राप्त किया गया। धर्म सभा में अतुल, विनीत, जयकुमार, अमित, नीरज, मनोज, पुनीत, प्रवक्ता विवेक, शशांक सराफ, वैभव सभासद, विपिन, संजय मुखिया, विजय, दिनेश, हितेश, मुकेश, सतेंद्र प्रधान, सुरेंद्र, डा. ज्योति, नीलम, रेशी, अलका, आंचल, रजनी प्रवक्ता व नीरज प्रवक्ता आदि मौजूद रहे।
प्रभु भक्ति से भव सागर होता है पार
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। सिद्ध बाबा साहब मंदिर सोहंजनी तगान-मंसूरपुर में एक सप्ताह से चल रही श्रीमद्भागवत कथा का रविवार को समापन हो गया। कथावाचक रोहित कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य के जन्म-जन्मांतर के पाप समाप्त होते हैं। वह भवसागर पार हो जाता है। आचार्य अभिषेक तिवारी, पं. हर्ष द्विवेदी तथा पं. आनंद तिवारी ने भी कृष्ण महिमा का गुणगान किया। कथा के समापन के अवसर पर मंदिर में हवन-पूजन व भंडारे का आयोजन किया, जिसमें ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इससे पूर्व शनिवार को भजन संध्या का आयोजन किया गया। कृष्ण-सुदामा मिलन का मनोहारी वर्णन करते हुए गाए गए भजन पर श्रद्धालु झूम उठे। महंत माधव दास, बीडीसी सदस्य नीरज त्यागी, प्रद्युम्न त्यागी, सतेश त्यागी, गंगाधर, बंटी, भूषण त्यागी व प्रभात तोमर आदि मौजूद रहे।