युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा दे रहा फौजी

दीपक त्यागी, छपार जिनकी रगों में देश भक्ति का जज्बा और जुनून है, जरूरी नहीं वे सीमा पर प

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 11:24 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 11:24 PM (IST)
युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा दे रहा फौजी
युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा दे रहा फौजी

दीपक त्यागी, छपार

जिनकी रगों में देश भक्ति का जज्बा और जुनून है, जरूरी नहीं वे सीमा पर पहरेदारी कर रहे हो। गांवों और कस्बों में रहकर भी वे देश सेवा कर सकते हैं। इसे चरितार्थ कर रहे हैं छपार क्षेत्र के दतियाना गांव के सचिन कुमार। 14 साल देश की रक्षा करने बाद सेवानिवृत्त हुए और अब देश पर मर मिटने वाले नौजवानों की फौज तैयार कर रहे हैं। छह गांवों के युवक उनकी देखरेख में सेना में जाने को कड़ा अभ्यास कर रहे हैं।

दतियाना गांव निवासी सचिन कुमार वर्ष 2001 में भारतीय फौज में भर्ती हुए थे। वह जम्मू कश्मीर, पंजाब व दिल्ली में तैनात रहे। कश्मीर में 10 वर्ष तैनात रहे। 2014 में सियाचिन ग्लेशियर में बर्फीले तूफान की चपेट में होने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। चंडीगढ़ के आमी हॉस्पिटल में ढाई माह उपचार चला, लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं हुए। वर्ष 2016 में वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए। रिटायर्ड होने के बाद उनका घर पर मन नहीं लगता था। उन्होंने गांव के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया। शुरुआत में युवाओं की संख्या कम रही, लेकिन समय बीतता गया और संख्या बढ़ती गई। दतियाना गांव में दौड़ लगाने के लिए मैदान न होने के कारण गांव के बाहर खाली पड़े तालाब में अपने खर्च से मिट्टी डलवाकर मैदान तैयार कराया। दतियाना के अलावा आसपास के मेघाखेड़ी, पंचेडा कलां, पचेंडा खुर्द, शाहदरा व ¨खदडिया गांवों के युवक उनसे प्रशिक्षण लेने लगे। बीते दिनों सहारनपुर में हुई सेना की भर्ती में उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पांच युवा शुभम निवासी खिदंडिया, अमन कुमार निवासी दतियाना, अक्षय निवासी मेघाखेड़ी, अभिषेक निवासी पचेंडा कलां व गौरव निवासी शाहदरा का सेना में चयन हुआ है। सचिन युवाओं को अपनी ओर ट्रैक सूट व अन्य साम्रग्री नि:शुल्क देते हैं। बीते दिनों गांव में दौड़ प्रतियोगिता भी कराई थी, जिसमें 200 लड़कों व 35 लड़कियों ने प्रतिभाग किया था। बेटे को सेना में भेजने की इच्छा

सचिन पिता नरेंद्र ¨सह के साथ खेती कार्य में भी सहयोग करते हैं। सचिन का कहना है कि बेटे रक्षित सालार को सेना में ही भेजेंगे। देशभक्ति से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने शासन से दतियाना में स्टेडियम बनाने की मांग की है।

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