फीस के हिसाब से स्कूलों में नहीं मिलती सुविधाएं

साल दर साल बढ़ते बच्चों की शिक्षा के बजट से अभिभावक परेशान हो उठे हैं। अभिभावकों ने डीएम को ज्ञापन देकर निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने और शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण को रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में महंगी फीस समेत अन्य खर्चें पर अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 10:26 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 10:26 PM (IST)
फीस के हिसाब से स्कूलों में नहीं मिलती सुविधाएं
फीस के हिसाब से स्कूलों में नहीं मिलती सुविधाएं

मुजफ्फरनगर: साल दर साल बढ़ते बच्चों की शिक्षा के बजट से अभिभावक परेशान हैं। अभिभावकों ने डीएम को ज्ञापन देकर निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने और शिक्षा के बढ़ते बजारीकरण को रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में महंगी फीस समेत अन्य खर्चे पर अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है।

गुरुवार को जागरूक अभिभावक मंच समिति के पदाधिकारियों ने डीएम अजय शंकर पांडेय को ज्ञापन देकर कहा कि निजी स्कूल-कॉलेज में प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें लगाई गई हैं। बच्चों के बस्ते का वजन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में फीस के अलाव अन्य मदों में भी मोटी धनराशि वसूली जाती है, जबकि सुविधाएं नहीं दी जाती। मसलन पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते बच्चों को घर से पानी की बोतल ले जाना पड़ता है। स्कूली वाहनों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं है।

अभिभावक, शिक्षक व छात्र कमेटी का गठन नहीं

अधिकांश स्कूलों में अभिभावक शिक्षक छात्र कमेटी का गठन नहीं हो पाया। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों की पूरी फीस वसूली जाती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से स्कूल संचालकों की मनमानी के लिए जो टीम गठित की गई है वह तत्काल स्कूलों का निरीक्षण करना शुरू करें, ताकि अभिभावकों को राहत मिल सके। इस दौरान समिति के अध्यक्ष राहुल गोयल, आजम शामशी, श्रवण गुप्ता, नरेश संगल, पवन बंसल, नजर, अमित गुप्ता, राजकुमार सिद्धार्थ, मनोज पंवार, ठा. कंवरपाल सिंह, प्रवीण गुप्ता, डॉ. सोनू, अमित गोयल, बॉबी, शलभ गुप्ता, नौशाद मियां, नवीन गुप्ता, सतीश, प्रमोद सैनी आदि मौजूद रहे।

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