गंगा में उफान, प्रशासन अलर्ट
मीरापुर में पहाड़ों पर बारिश से रामराज खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। सिचाई विभाग ने बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं। प्रशासन ने एक दर्जन गांवों मे अलर्ट जारी कर बाढ़ चौकियों पर निगरानी बढ़ा दी है। देर शाम 8 बजे गंगा बैराज पर गंगा में 3 लाख 67 हजार क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज हुई जिससे जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर से 10 सेंटीमीटर ऊपर 220.10 पर पहुंच गया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मीरापुर में पहाड़ों पर बारिश से रामराज खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। सिचाई विभाग ने बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं। प्रशासन ने एक दर्जन गांवों मे अलर्ट जारी कर बाढ़ चौकियों पर निगरानी बढ़ा दी है। देर शाम 8 बजे गंगा बैराज पर गंगा में 3 लाख 67 हजार क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज हुई, जिससे जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर से 10 सेंटीमीटर ऊपर 220.10 पर पहुंच गया।
मंगलवार सुबह हरिद्वार से गंगा में छोडे़ गए 365280 क्यूसेक पानी से मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर चेतावनी बिदु से ऊपर पहुंच गया। गंगा बैराज पर दोपहर दो बजे गंगा में 188198 क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की गई। इससे गंगा का जलस्तर चेतावनी बिदु 219 मीटर को पार कर 219.60 मीटर पर पहुंच गया था। शाम सात बजे गंगा में 3.28 लाख क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की गई। इससे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर के पार पहुंच गया। शाम सात बजे हरिद्वार से 2.92 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़े जाने से जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।
एडीएम वित्त एंव राजस्व आलोक कुमार व एसडीएम जानसठ जयेंन्द्र कुमार ने गंगा बैराज पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। कर्मचारियों को गांवों में मुनादी कराने के निर्देश दिए।
वहीं गांव हंसावाला के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा स्थाई इंतजाम नहीं किए जाते। रामराज के मध्यगंगा बैराज पर पानी बढ़ने से जीवनपुरी, रामपुर ठकरा, अल्लूवाला, हंसावाला, अहमदवाला, इशाकवाला, फरीदपुर आदि गांवों के जंगलों में पानी घुस गया है। गन्ने की फसल जलमग्न है।
---
कच्चे तटबंध कामरम्मत कार्य चल रहा है। सिचाई विभाग की टीम बढ़ते पानी पर नजर रखे है। अलर्ट जारी किया गया है।
- आलोक कुमार, एडीएम, मुजफ्फरनगर। हरिद्वार से छोडे़ गए पानी से गंगा बैराज पर जलस्तर 3.5 लाख क्यूसेक तक पहुंचने की संभावना है। बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं।
- पीयूष चौधरी, जेई सिचाई विभाग।