पंजाब, हरियाणा के किसानों को भाकियू का समर्थन

कृषि अध्यादेश के विरोध में दिल्ली और हरियाणा के किसान आगामी 26 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। भाकियू ने समर्थन देते हुए विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को बार्डर पर रोकने का प्रयास न करें। यदि ऐसा करने का प्रयास किया गया तो भाकियू का प्रत्येक सिपाही दिल्ली में होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:32 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:32 PM (IST)
पंजाब, हरियाणा के किसानों को भाकियू का समर्थन
पंजाब, हरियाणा के किसानों को भाकियू का समर्थन

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कृषि अध्यादेश के विरोध में दिल्ली और हरियाणा के किसान आगामी 26 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। भाकियू ने समर्थन देते हुए विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को बार्डर पर रोकने का प्रयास न करें। यदि ऐसा करने का प्रयास किया गया तो भाकियू का प्रत्येक सिपाही दिल्ली में होगा।

भाकियू अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने सिसौली स्थित अपने आवास पर पंजाब, हरियाणा के किसानों के दिल्ली कूच करने पर मंथन किया। उन्होंने बताया कि भाकियू की पंजाब व हरियाणा की इकाई पूर्व से ही केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वह सभी किसान संगठनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। किसान हित में हर आंदोलन को पूर्ण समर्थन है। पंजाब व हरियाणा के किसानों के दिल्ली कूच के निर्णय पर भी पूर्ण समर्थन है। इस बारे में वहां के पदाधिकारियों को संदेश भेज दिया गया है। भाकियू कार्यकर्ता आंदोलन में भाग ले सकते हैं। जरूरत पड़ी तो वह भी आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि किसान परेशानी में हैं। गन्ने का मूल्य ज्यों का त्यों बना है व बिजली का बिल निरंतर बढ़ रहा है। सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही है। पूर्व में भाकियू ने किसान क्रांति यात्रा निकाली थी। दिल्ली के राजघाट पर पहुंचने का कार्यक्रम बनाया था। तब पंजाब व हरियाणा के किसान भी आंदोलन में शामिल हुए थे। इस बार भी किसान एकजुट है। किसानों को सीमा पर रोकने का प्रयास न किया जाए। साथ ही किसानों की सभी मांगों को माना जाए। कृषि अध्यादेश किसानों के लिए पीड़ादायक और खेत खलिहानों के लिए नुकसादायक है।

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