मशहूर शायर नज्म मुजफ्फरनगरी का इंतकाल
उर्दू साहित्य प्रेमियों के दिल पर पचास साल तक राज करने वाले और अदब की दुनिया में जिले को गौरवान्वित कराने वाले बुजुर्ग व उस्ताद शायर इकराम उल हक उर्फ नज्म मुजफ्फरनगरी का इंतकाल हो गया। 75 वर्षीय नज्म के इंतकाल को शायरों ने जिले के लिए बड़ा नुकसान बताया है। किदवई नगर स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। उर्दू साहित्य प्रेमियों के दिल पर पचास साल तक राज करने वाले और अदब की दुनिया में जिले को गौरवान्वित कराने वाले बुजुर्ग व उस्ताद शायर इकराम उल हक उर्फ नज्म मुजफ्फरनगरी का इंतकाल हो गया। 75 वर्षीय नज्म के इंतकाल को शायरों ने जिले के लिए बड़ा नुकसान बताया है। किदवई नगर स्थित कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
नज्म मुजफ्फरनगरी ने शायरी के हवाले से उर्दू अदब की दुनिया में जिले की नुमाइंदगी के साथ उर्दू पत्रकारिता में भी अपनी विद्वता साबित की। महिला मुशायरे की बुनियाद डालने का श्रेय भी उन्हीं को दिया जाता है।
शायर डा. तनवीर गोहर की मानें तो महिला मुशायरे की शुरुआत पूरी उर्दू दुनिया में सबसे पहले मुजफ्फरनगर नुमाइश में की गई थी। ये सिलसिला मुजफ्फरनगर मे सालों तक चलता रहा। बताया कि नज्म मुजफ्फरनगरी ने कई बार पाकिस्तान के मुशायरों में भी देश की नुमाइंदगी की।
घर पर ही उपचाराधीन नज्म कुछ वर्षों से किदवई नगर में रह रहे थे। आंखों की रोशनी काफी कम हो गई थी। स्वजन के अनुसार, एक सप्ताह पहले उनकी सेहत में काफी गिरावट आई। सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। रजवाहा टूटने से फसल जलमग्न
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। रतनपुरी क्षेत्र के मुजाहिदपुर गांव के जंगल में रजवाहा की पटरी टूटने से किसानों की फसल जलमग्न हो गई।
मुजाहिदपुर गांव के जंगल में जौली राइट रजवाहा की पटरी टूटने से किसानों की फसल जलमग्न हो गई। रजवाहे में लगभग तीन माह बाद पानी आया है। रजवाहों पर पुलिया निर्माण के चलते पानी बंद किया गया था। अब पानी आया है तो रजवाहे की पटरी टूट गई और किसानों की लगभग 50 बीघा फसल जलमग्न हो गई है। किसानों ने सिंचाई विभाग को सूचना दी है।