मुजफ्फरनगर की धरती भूकंप से डोली
जिले की धरा बुधवार शाम डोल उठी। जिलेभर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फार सेस्मालाजी के अनुसार भूकंप का केंद्र हरिद्वार से 68 किलोमीटर दूर मुजफ्फरनगर क्षेत्र में दस किलोमीटर की गहराई में रहा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मैग्नीट्यूड रही। यह इलाका मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल व गांव बधाई कलां के बीच है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जिले की धरा बुधवार शाम डोल उठी। जिलेभर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फार सेस्मालाजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरिद्वार से 68 किलोमीटर दूर मुजफ्फरनगर क्षेत्र में दस किलोमीटर की गहराई में रहा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मैग्नीट्यूड रही। यह इलाका मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल व गांव बधाई कलां के बीच है।
बुधवार शाम लोग अपने कामों में व्यस्त थे। कुछ लोग घरों की छतों पर बैठे थे तो कुछ दुकान-दफ्तरों पर काम निपटा रहे थे। शाम पांच बजकर 10 मिनट 53 सेकेंड पर मुजफ्फरनगर की धरती हिलने लगी। भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों ने एक-दूसरे को फोन कर इसकी जानकारी दी। हालांकि, ज्यादातर लोगों को भूकंप का पता नहीं चला। नेशनल सेंटर फार सेस्मोलाजी ने अपनी वेबसाइट सेस्मो डाट जीओवी डाट इन पर विश्लेषण जारी किया, जिसमें भूकंप का केंद्र मुजफ्फरनगर बताया गया। हरिद्वार से 68 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में लैटीट्यूड 29.54 व लांगीट्यूड 77.63 पर दस किलोमीटर की गहराई में भूकंप का ऐपी सेंटर रहा।
हालांकि, जिले के गन्ना शोध संस्थान स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अधिकारियों ने भूकंप संबंधी कोई जानकारी होने से अनभिज्ञता जाहिर की है। उधर, भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिल्ली-हरिद्वार रिज फाल्ट लाइन में ही मुजफ्फरनगर भी आता है। इस रिज लाइन में जमीन के अंदर हलचल के चलते ही भूकंप आता है। जिला विज्ञान क्लब मेरठ के वैज्ञानिक दीपक शर्मा के मुताबिक, भूकंप का केंद्र मुजफ्फरनगर के चरथावल देहात, रसूलपुर और कसियारा गांव के बने त्रिकोण के केंद्र में दस किलोमीटर गहरा रहा। तीव्रता कम होने के चलते ज्यादातर लोग इसे महसूस नहीं कर सके।