गुरु मिल्खा सिंह की प्रेरणा से ही प्रियंका बनी थीं 'उड़न परी'

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के देहावसान ने जिले की उड़न परी प्रियंका पंवार को भी तोड़ कर रख दिया है। 2003 में फ्लाइंग सिख से प्रेरणा पाकर ही प्रियंका पंवार ट्रैक पर उतरी थीं और 2004 में पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पो‌र्ट्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने चार गुणा 400 मीटर रिले सहित कई दौड़ प्रतियोगिताओं में भारत को गोल्ड दिलाया। बेटे की पैदाइश के बाद छुट्टी पर चल रही इनकम टैक्स इंस्पेक्टर प्रियंका पंवार अपने बेटे माधव को भी मिल्खा सिंह जैसा व‌र्ल्ड चैंपियन एथलीट बनाना चाहती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 11:45 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 11:45 PM (IST)
गुरु मिल्खा सिंह की प्रेरणा से ही प्रियंका बनी थीं 'उड़न परी'
गुरु मिल्खा सिंह की प्रेरणा से ही प्रियंका बनी थीं 'उड़न परी'

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह के देहावसान ने जिले की उड़न परी प्रियंका पंवार को भी तोड़ कर रख दिया है। 2003 में फ्लाइंग सिख से प्रेरणा पाकर ही प्रियंका पंवार ट्रैक पर उतरी थीं और 2004 में पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पो‌र्ट्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने चार गुणा 400 मीटर रिले सहित कई दौड़ प्रतियोगिताओं में भारत को गोल्ड दिलाया। बेटे की पैदाइश के बाद छुट्टी पर चल रही इनकम टैक्स इंस्पेक्टर प्रियंका पंवार अपने बेटे माधव को भी मिल्खा सिंह जैसा व‌र्ल्ड चैंपियन एथलीट बनाना चाहती हैं।

नगर की गांधी कालोनी लालबाग निवासी एथलीट प्रियंका पंवार ने बचपन में ही बड़ा एथलीट बनने का सपना देखा था। स्कूल स्तर से ही प्रियंका पंवार अच्छी धावक साबित हो गई थी। प्रियंका को एथलेटिक्स में ऊंचा उठाने के लिए पिता शिव कुमार 2003 में मिल्खा सिंह से मिलाने के लिए चंडीगढ लेकर गए थे। प्रियंका पंवार बताती है कि वहां फ्लाइंग सिख ने उसका उत्साहवर्धन किया और उसे पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पो‌र्ट्स में प्रवेश के लिए प्रेरित किया। मिल्खा के शब्द 'बिन खुद जले न होए सवेरा' ने बदली जिदगी

प्रियंका पंवार बताती है कि उन्होंने पटियाला के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पो‌र्ट्स में प्रवेश ले लिया था। वहां अक्सर मिल्खा सिंह प्रशिक्षु एथलीट को टिप्स देने आते थे। बताती हैं कि वह जब भी आते थे तो उसे कहते थे कि 'बिन खुद जले न होए सवेरा'। यानी अगर कोई एथलीट महान बनना चाहता है तो उसे कड़ी मेहनत और कठिन परीक्षा से गुजरना होगा। प्रियंका बताती है कि मिल्खा सिंह की ही प्रेरणा थी कि उन्होंने चार गुणा 400 मीटर सहित दौड़ में कई गोल्ड भारत की झोली डाले। प्रियंका के खेल पर मिल्खा सिंह की पड़ी थी गहरी छाप

प्रियंका पंवार बताती है कि एथलेटिक्स में उनके आदर्श केवल और केवल मिल्खा सिंह ही थे। बताती है कि उसने 2014 के इंचियान एशियाई खेलों में चार गुणा 400 मीटर रिले में गोल्ड जीता। बताती है कि उसके बाद वह प्रदर्शन दोहराया नहीं जा सका। बताती है कि उसने एशियाई इनडोर खेलों में भी गोल्ड जीता। इसके अलावा ढाका में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में भी उन्होंनने गोल्ड जीता, जबकि विश्व रेलवे एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी उसने देश को गोल्ड, सिल्वर तथा ब्रांज मेडल दिलाया। बताती है कि यह सब फ्लाइंग सिख तथा उसके एथलेटिक्स गुरु मिल्खा सिंह की प्रेरणा से ही संभव हो पाया।

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