गन्ना किसानों के यहां अनुदान पर लगेंगे ड्रिप सिचाई संयंत्र

उद्यान विभाग की सहभागिता से गन्ना विकास विभाग पिछड़े सीमांत व अनुसूचित जाति के गन्ना किसानों के यहां ड्रिप सिचाई संयंत्र लगवाएगा। इस पर 80 से 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन यंत्रों के लगने से पानी की बचत व गन्ना खेती की लागत कम होगी। भू-जल दोहन रुकेगा और बिजली की बचत भी होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 10:20 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 10:20 PM (IST)
गन्ना किसानों के यहां अनुदान पर लगेंगे ड्रिप सिचाई संयंत्र
गन्ना किसानों के यहां अनुदान पर लगेंगे ड्रिप सिचाई संयंत्र

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। उद्यान विभाग की सहभागिता से गन्ना विकास विभाग पिछड़े, सीमांत व अनुसूचित जाति के गन्ना किसानों के यहां ड्रिप सिचाई संयंत्र लगवाएगा। इस पर 80 से 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन यंत्रों के लगने से पानी की बचत व गन्ना खेती की लागत कम होगी। भू-जल दोहन रुकेगा और बिजली की बचत भी होगी।

गन्ना की उत्पादकता बढ़ाने, खेती की लागत कम करने के उद्देश्य से गन्ना विकास विभाग उद्यान विभाग के सहयोग आर्थिक रूप से पिछड़े, सीमांत व अनुसूचित जाति के गन्ना किसानों के यहां ड्रिप इरीगेशन से सिचाई करने को बढ़ावा दे रहा है। इन किसानों के यहां अनुदान पर ड्रिप सिचाई यंत्र लगवाए जाएंगे। इन यंत्रों पर पिछड़े व सीमांत किसानों को 80 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति के किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। गन्ना वैज्ञानिकों का कहना है कि गन्ना फसल की बोआई से लेकर कटाई तक 1800 से 2200 मिमी पानी की जरूरत पड़ती है। इसमें से करीब 1000 मिमी पानी वर्षा से गन्ना फसल को मिल जाता है। करीब इतना ही पानी अन्य साधनों से भूजल दोहन कर गन्ना फसल को जरूरत पड़ती है। यदि गन्ना फसल में ड्रिप इरीगेशन को बढ़ावा दिया जाए तो काफी मात्रा में पानी की बचत होगी। बूंद-बूंद सिचाई करने से करीब पांच गुना पानी की बचत हो सकती है। इससे गन्ना फसल की लागत जहां कम होगी वहीं बिजली की बचत भी होगी और गन्ना उत्पादकता में भी बढ़ोतरी होगी। जिला उद्यान अधिकारी सुरेंद्रपाल सिंह मान का कहना है कि 2021-22 में जिले में 173 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप सिचाई संयंत्र लगाने का लक्ष्य दिया गया है। पिछले सालों में भी किसानों के यहां ड्रिप सिचाई संयंत्र लगे हुए हैं। जो किसान ड्रिप सिचाई यंत्र लगवाना चाहता है वह किसी भी कार्यदिवस में उद्यान विभाग के कार्यालय में आकर संपर्क कर सकते हैं।

chat bot
आपका साथी