श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ में पाबंदी के बाद भी दूरदराज क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने बारिश के बीच हर-हर गंगे जय गंगे मैया के जयघोष के बीच गंगा में डुबकी लगाकर ज्येष्ठ गंगा दशहरा का स्नान किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:42 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:42 PM (IST)
श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान
श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पौराणिक तीर्थनगरी शुकतीर्थ में पाबंदी के बाद भी दूरदराज क्षेत्रों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने बारिश के बीच हर-हर गंगे जय गंगे मैया के जयघोष के बीच गंगा में डुबकी लगाकर ज्येष्ठ गंगा दशहरा का स्नान किया।

कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने ज्येष्ठ गंगा दशहरा पर शुकतीर्थ में गंगा स्नान पर रोक लगाते हुए स्वजन को दिवंगतों के मोक्ष लिए गंगा में दीप प्रवाहित करने की अनुमति दी थी। इसके बावजूद भी बीते शनिवार अपराह्न को श्रद्धालुओं का ट्रैक्टर-ट्राली, कार व बाइक से शुकतीर्थ में पहुंचना शुरू हो गया, जिसके चलते मोरना के चौधरी चरण सिंह चौक पर श्रद्धालुओं के वाहनों से लंबा जाम लग गया। श्रद्धालुओं के वाहनों को रोकने के लिए मार्र्गो पर बैरिकेडिग कर पुलिस फोर्स लगा दी गयी, लेकिन इसके बाद भी गलियों के रास्ते से हजारों लोग नगरी में पहुंच गए और रविवार को बारिश के बीच स्नान किया। गंगा घाट पर महिलाओं ने विधि-विधान से गंगा पूजन किया। कुछ ने पंडितों से पूजन भी कराया। श्री गंगा सेवा समिति के महामंत्री महकार सिंह, मैनेजर देवेंद्र आर्य व पंडित पुजारी श्रद्धालुओं से भीड़ न लगाने की अपील करते रहे। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दर्शन के लिए मंदिरों में पहुंचे लेकिन मंदिरों के मुख्य द्वार बंद होने से बाहर से प्रार्थना करते हुए घरों को लौट गए। इस दौरान नगरी में भारी पुलिस फोर्स रहा।

शुकतीर्थ में बाण गंगा जल बढ़ा खादर जलमग्न

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के पहाड़ों पर पिछले कई दिन से लगातार भारी वर्षा हो रही है, जिसके चलते शुकतीर्थ में बह रही बाण गंगा में भी जलस्तर बढ़ गया है। गंगा घाट पर कई सीढि़यां पानी में डूब गई हैं। महिला वस्त्र परिवर्तनशाला में भी पानी भर गया है। इसके अलावा गंगा खादर क्षेत्र में हजारों बीघा फसल भी जलमग्न हो गई है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए गंगा खादर में खेतों पर रहने वाले लोग घरों को लौटने लगे हैं। क्षेत्र के मजलिपुर तौफीर, महाराजनगर, सीताबपुरी व बिहारगढ़ गांवों के जंगल में भी पानी बहने लगा है। चरवाहे भी पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे हैं।

ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है और वे हरिद्वार क्षेत्र में अपनी रिश्तेदारियों में फोन करके पानी के बारे में जानकारी ले रहे हैं। एसडीएम जानसठ जयेंद्र कुमार ने बताया कि उत्तराखंड से पानी छोड़ा गया है, लेकिन खतरे की कोई बात नहीं है।

गंगा में उफान से नहर की धार धीमी

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के पहाड़ों में लगातार बारिश के चलते खतौली में गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान का पार कर रहा है। गंगा में उफान के चलते हरिद्वार से गंग नहर का जल कम कर दिया गया, जिससे नहर में जल का स्तर काफी घट गया है। रविवार की सुबह गंगा दहशरा पर्व के चलते श्रद्धालु नहर पर स्नान के लिए पहुंचे। यहां नहर में जल का स्तर कम होने से मायूस होना पड़ा। गंगा दशहरा पर्व पर हरिद्वार और शुकतीर्थ नहीं जाने वाले श्रद्धालु गंग नहर में स्नान तृप्त होते हैं।

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