भ्रष्टाचार के खिलाफ जिला अस्पताल में प्रदर्शन, हंगामा
जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार के विरोध में जनकल्याण उपभोक्ता समिति के प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा हुआ। अस्पतालकर्मी और जनकल्याण समिति के पदाधिकारी आमने-सामने आ गए। पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसका वीडियो वायरल हो गया। बाद में दोनों पक्षों की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार के विरोध में जनकल्याण उपभोक्ता समिति के प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा हुआ। अस्पतालकर्मी और जनकल्याण समिति के पदाधिकारी आमने-सामने आ गए। पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया। इसका वीडियो वायरल हो गया। बाद में दोनों पक्षों की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई।
शाहपुर के गांव सांझक निवासी एक महिला का जिला अस्पताल में आपरेशन हुआ था। आरोप है कि अस्पताल कर्मचारियों ने सुविधा शुल्क की मांग की। विरोध में जन कल्याण उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष मनेश गुप्ता शनिवार को महिलाओं के साथ जिला अस्पताल पहुंचे और धरना दिया। सीएमएस के समक्ष अपनी बात रखी। इसी दौरान अस्पताल का स्टाफ भी वहां आ गया। कुर्सी कम होने पर एक महिला जमीन पर बैठ गई। मनेश गुप्ता ने विरोध करते हुए कहा कि अपनी सोच बदलनी होगी। जाति का नाम लेकर कहा कि अभी तक चेतना नहीं आई है। इस पर अस्पतालकर्मियों ने मनेश गुप्ता पर जातिसूचक शब्द बोलने का आरोप लगाया। कर्मचारियों ने मनेश गुप्ता के साथ धक्का-मुक्की की। शहर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बीच-बचाव कर मौके से निकालकर मनेश गुप्ता को कोतवाली ले जाने का प्रयास किया, लेकिन वह भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाते रहे। चार पुलिसकर्मी उनके हाथ और पैर पकड़कर अस्पताल के बाहर लाए। इसके बाद गाड़ी में डालकर कोतवाली ले गई। इनका कहना है..
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की यदि इसी प्रकार की सजा है तो वह पीछे नहीं हटेंगे। सरकार अस्पताल में गरीब तबके के लोग जाते हैं, उनसे अवैध वसूली बंद होनी चाहिए।
-मनेश गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता
दोनों पक्षों ने तहरीर दी है। फिलहाल मनेश गुप्ता को छोड़ दिया है। मामले की जांच की जा रही है।
आनंदेव मिश्र, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली नगर।
अस्पताल में आकर धरना-प्रदर्शन करना अनुचित है। यदि भ्रष्टाचार संबंधित कोई मामला था तो लिखित शिकायत की जानी चाहिए थी। मनेश गुप्ता ने मेरे कार्यालय में एक महिला को जातिसूचक शब्द कहें, जिसका कर्मचारियों ने विरोध किया। इसी बात को लेकर हंगामा हुआ।
- डा. पंकज अग्रवाल, सीएमएस