लोकतंत्र सेनानी का निधन, शव सुपुर्दे खाक
खतौली में लोकतंत्र सेनानी अब्दुल रशीद का निधन हो गया। स्वजन का दावा है कि उनकी आयु 118 वर्ष थी। वह आपातकाल के समय जेल गए थे। प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने पर उन्हें लोकतंत्र सेनानी घोषित कर पेंशन जारी की गई। मृत्यु के बाद उन्हें राजकीय सम्मान नहीं दिया जा सका है। इसको लेकर स्वजन ने तहसील प्रशासन से आग्रह किया है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में लोकतंत्र सेनानी अब्दुल रशीद का निधन हो गया। स्वजन का दावा है कि उनकी आयु 118 वर्ष थी। वह आपातकाल के समय जेल गए थे। प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने पर उन्हें लोकतंत्र सेनानी घोषित कर पेंशन जारी की गई। मृत्यु के बाद उन्हें राजकीय सम्मान नहीं दिया जा सका है। इसको लेकर स्वजन ने तहसील प्रशासन से आग्रह किया है।
कस्बे के काजियान मोहल्ला निवासी अब्दुल रशीद वर्ष 1975-77 के दौरान आपातकाल में जेल गए थे। उनके पुत्रगण फैज मोहम्मद व मोहम्मद इरशाद बताते हैं कि उस वक्त परिवार के साथ उनके पिता काफी दिनों तक नजरबंद रहे। इसके बाद उन्हें पुलिस ने जेल भेजा था। लोकतंत्र सेनानी आलू-प्याज के व्यापारी थे। उन्होंने आपातकाल में लोगों की खूब मदद की थी। एक मई को घर पर उनकी अचानक तबीयत खराब होने के बाद मृत्यु हो गई। स्वजन ने दावा किया है कि उनकी आयु 118 वर्ष थी। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाए, जो कोरोना काल के कारण संभव नहीं हो सकी है। गमगीन माहौल में उनके शव को सुपुर्दे खाक किया गया। शोक जताने वालों का तांता लगा रहा। स्वजन बताते हैं कि उन्हें 20 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलते थे। लोकतंत्र सेनानी के निधन की बाबत तहसील प्रशासन को अवगत कराया गया है। तहसीलदार पुष्करनाथ चौधरी ने बताया कि लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु उनके संज्ञान में है, लेकिन राजकीय सम्मान की जानकारी नहीं है। सभी पहलुओं की जानकारी जुटाने के बाद कुछ कहा सकता है।