बुझ गया घर का चिराग, दीपक एकलौता व पारस दो भाइयो में छोटा था

शाहपुर के दुल्हेरा गांव में डबल मर्डर में मृतक दीपक किरणपाल का इकलौता पुत्र था। दीपक की एक बड़ी बहन है जो शादीशुदा है। दीपक के माता-पिता बूढ़े हैं जिनका वही एकमात्र सहारा था। दीपक की हत्या से किरणपाल के घर का इकलौता चिराग बुझ गया है। किरणपाल के पुत्र दीपक उर्फ छोटू की हत्या को लेकर पूरा गांव गमजदा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 12:12 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 12:12 AM (IST)
बुझ गया घर का चिराग, दीपक एकलौता व पारस दो भाइयो में छोटा था
बुझ गया घर का चिराग, दीपक एकलौता व पारस दो भाइयो में छोटा था

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शाहपुर के दुल्हेरा गांव में डबल मर्डर में मृतक दीपक, किरणपाल का इकलौता पुत्र था। दीपक की एक बड़ी बहन है, जो शादीशुदा है। दीपक के माता-पिता बूढ़े हैं, जिनका वही एकमात्र सहारा था। दीपक की हत्या से किरणपाल के घर का इकलौता चिराग बुझ गया है। किरणपाल के पुत्र दीपक उर्फ छोटू की हत्या को लेकर पूरा गांव गमजदा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कभी भी इस तरह की वारदात नहीं हुई है। ग्रामीणों को डबल मर्डर ने सदमे में ला दिया है। दूसरे मृतक पारस पुत्र गोपाल दो भाई थे। पारस का बड़ा भाई प्रिस हरिद्वार में किसी प्राइवेट कंपनी में कार्य करता है।

केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान के भाई विवेक बालियान व पूर्व विधायक राजपाल बालियान भी मौके पर पहुंचे। लगभग सात बजे पहुंचे एसएसपी अभिषेक यादव के ग्रामीणों को जल्द से जल्द पर्दाफाश करने आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के आश्वासन पर पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए। देर रात में मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही हेतु मृतकों के स्वजन थाने में मौजूद रहे। मृतक दोस्त के साथ चाचा-भतीजे भी थे।

दुल्हेरा गांव निवासी दीपक व पारस आपस में चाचा-भतीजे थे। उनमें घनिष्ट दोस्ती थी। दोस्ती की घनिष्टता इतनी थी कि दोनों दिन-रात एक साथ रहने के अलावा एक ही तरह की पढ़ाई व भविष्य में एक ही तरह का जीवन बिताना चाहते थे। दोनों ने जहां आइटीआइ में प्रवेश लिया वहीं दोनों आइटीआइ करने के बाद सेना या पुलिस की भर्ती के लिए तैयारी कर रहे थे। दोनों का सपना एक तरह से आइटीआइ करने के बाद किसी कंपनी में एक साथ नौकरी करना व सेना या पुलिस में भी एक साथ ही जाने का था। मृतकों के निकट रहे युवकों ने बताया की दोनों आपस में बड़े ही अच्छे मित्र थे। पढ़ाई के साथ दौड़ लगाने व व्यायाम करने भी साथ ही जाते थे। दिनभर साथ रहने के अलावा रात को भी देर-रात तक एकसाथ रहते थे। जीते जी दोंनो एक साथ रहे तो मौत भी आई तो दोनों को एक साथ ले गयी। शाकुंभरी देवी के दर्शन कर घर तक नहीं पहुंचे

दुल्हेरा गांव के डबल मर्डर में मारे गए दीपक व पारस मंगलवार की शाम सहारनपुर में स्थित मां शाकुंभरी देवी के दर्शन करने के लिए अपनी बाइक पर गए थे, लेकिन घर नहीं लौट सके। उनकी बाइक के बैग उनके शवों के पास जंगल में मृतक दीपक पुत्र किरणपाल की ट्यूबवेल पर शवों के पास ही मिला। दीपक के बैग में कपड़ों के अलावा शाकुंभरी देवी से लाया गया प्रसाद भी था। दोनों के माथे पर तिलक दी लगा हुआ था।

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