सैनिटाइजर व आरओ पर खर्च हुए करोड़ों रुपये
जब अधिकारी पंचायत चुनाव की तैयारी करने और कोरोना पर काबू पाने में लगे रहे जब प्रशासकों ने ग्राम पंचायतों का खजाना खाली कर दिया। जनपद में 100 करोड़ रुपये से अधिक सरकारी धनराशि को निकाला गया। एक-एक गांवों में लाखों रुपये केवल सैनिटाइजर पर खर्च कर दिए। गांवों में आरओ पर मोटी रकम खर्च हुआ है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। जब अधिकारी पंचायत चुनाव की तैयारी करने और कोरोना पर काबू पाने में लगे रहे, जब प्रशासकों ने ग्राम पंचायतों का खजाना खाली कर दिया। जनपद में 100 करोड़ रुपये से अधिक सरकारी धनराशि को निकाला गया। एक-एक गांवों में लाखों रुपये केवल सैनिटाइजर पर खर्च कर दिए। गांवों में आरओ पर मोटी रकम खर्च हुआ है। शाहपुर और बुढ़ाना क्षेत्र में सर्वाधिक धनराशि का दुरुपयोग हुआ है। अब प्रशासकों से अधिकारी हिसाब मांग रहे हैं।
प्रधानों के अधिकार सीज होने और नए प्रधानों के शपथ समारोह के बीच जिले की 480 ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के नाम पर सर्वाधिक धनराशि निकाली गई। प्रशासकों ने मनचाहे ढंग से सरकारी धनराशि का दुरुपयोग किया है। यह धनराशि बिना किसी पूर्व प्रस्ताव के निकाली गई है। जिस समय धनराशि निकाली गई उस समय पंचायत चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लगी हुई थी। पूरे प्रकरण पर शासन ने जांच बैठा दी है। जिले में 46 ग्राम पंचायत ऐसी है, जिनमें प्रत्येक में 25 करोड़ से अधिक ग्राम पंचायतों के बैंक खातों से प्रशासकों ने आहरित किए हैं। बुढ़ाना और शाहपुर ब्लाक की ग्राम पंचायतों से करीब 57 करोड़ रुपये आहरित किए हैं। सर्वाधिक पैसा 93,23,590 रुपये बुढ़ाना ब्लाक की ग्राम पंचायत जौला से आहरित किए गए हैं। इस धनराशि से 20 लाख रुपये स्कूल में बेंच निर्माण, 14.80 लाख रुपये पेंटिग, 22.80 लाख रुपये आरओ, फ्रीजर व सबमर्सिबल, 26 लाख रुपये इंटरलाक निर्माण, करीब चार लाख रुपये सफाई व सैनिटाइजर, साढ़े पांच लाख रुपये हैंडपंप रिपोर व मरम्मत पर खर्च दिखाए गए हैं। प्रधान हाजी जमशेद ने इसकी उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी तो प्रशासन ने प्रधान के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसके बाद प्रशासकों के हौंसले बुलंद हो गए थे। जौला के साथ ही शाहबुद्दीनपुर, पुरबालियान, सरवट ग्राम पंचायतों में प्रत्येक से 60 करोड़ रुपये से अधिक आहरित किए गए हैं।
इस मामले में केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने डीएम को दोषियों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। इससे प्रशासकों में अफरातफरी मची हुई है। प्रशासक अधिकारियों और खद्दरधारियों के चक्कर काट रहे हैं। एक नेता ने ग्राम पंचायतों में अब विकास कार्य कराने की सलाह भी दी है।
सीडीओ आलोक यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पहली जनवरी से 31 मई के बीच गांवों में हुए विकास कार्यो को परखा जा रहा है।