खादर में बाढ़ से नागरिक परेशान, फसल जलमग्न

मीरापुर में गंगा बैराज पर पिछले 24 घंटे से गंगा खतरे के निशान पर बह रही है। गंगा के पानी से खादर क्षेत्र के कई दर्जन गावों के किसानों की कई बीघा फसल बरबाद हुई है। गन्ने की हजारों बीघा फसल जलमग्न है। सिचाई विभाग व कृषि विभाग के अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 12:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 12:00 AM (IST)
खादर में बाढ़ से नागरिक परेशान, फसल जलमग्न
खादर में बाढ़ से नागरिक परेशान, फसल जलमग्न

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मीरापुर में गंगा बैराज पर पिछले 24 घंटे से गंगा खतरे के निशान पर बह रही है। गंगा के पानी से खादर क्षेत्र के कई दर्जन गावों के किसानों की कई बीघा फसल बरबाद हुई है। गन्ने की हजारों बीघा फसल जलमग्न है। सिचाई विभाग व कृषि विभाग के अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

मंगलवार की रात में गंगा बैराज पर अधिकतम 3 लाख 67 हजार क्यूसेक पानी का निस्सारण होने से गंगा का पानी गांव रामपुर ठकरा व जीवनपुरी में घुस गया। साथ ही गांव जीवनपुरी, रामपुर ठाकरा, इशाकवाला, अहमदवाला, हँसावाला, अल्लुवाला, फरीदपुर, चूहापुर आदि के जंगल मे हजारों बीघा फसल गंगा के पानी से जलमग्न हो गई। बुधवार की सुबह 6 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर से 10 सेंटीमीटर घटकर 219.90 मीटर पर पहुंच गया तथा गंगा में 3 लाख 9 हजार क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की गई। गंगा बैराज पर सिचाई विभाग के अधिकारी हर घंटे के बाद जलस्तर की माप करते हैं। गंगा के पानी में अत्यधिक सिल्ट आने से गंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी खतरे के निशान के करीब रहा। शाम 6 बजे गंगा में 2 लाख 14 हजार क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की गई तथा जलस्तर 219.9 मीटर पर ही रहा। गंगा के तेज बहाव में फसल बही

गंगा ने रौद्र रूप धारण किया हुआ है। पानी का बहाव इतना अधिक था कि गांव हंसावाला, इशाकवाला, फरीदपुर के जंगल में गंगा ने किसान रोहताश, मूलचंद, हरीशचंद, दरियाव, दुष्यंत, टीकाराम, अलवल सिंह, मनोज आदि की गन्ने, सब्जी की फसल तेज बहाव में बह गई। गंगा की सिल्ट बन रही सिरदर्द

जीवनपुरी गांव निवासी किसान आशीष शर्मा ने बताया कि गंगा बैराज में कई किलोमीटर दूर तक भारी मात्रा में सिल्ट जमी हुई है, जिससे गंगा में एक लाख क्यूसेक पानी से अधिक आते ही खादर क्षेत्र की फसल जलमग्न हो जाती है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होने गंगा में सिल्ट सफाई के लिए उच्चधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इनका कहना है..

हरिद्वार से कम पानी छोडे़ जाने से मध्य गंगा बैराज पर स्थिति नियंत्रण में है तथा लगातार जलस्तर में घटत बनी हुई है।

- पीयूष चौधरी, जेई गंगा बैराज।

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