बाल मजदूरी बन रही बड़ी समस्या
पुरकाजी में एक्शन ऐड और अस्तित्व सामाजिक संस्था की टीम ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर शनिवार को चंदन फार्म में जागरूकता आधारित नुक्कड़ नाटक पेश किया। बाल मजदूरी को लेकर लोगों को जागरूक करते हुए इसके नियम-कायदों की जानकारी दी।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। पुरकाजी में एक्शन ऐड और अस्तित्व सामाजिक संस्था की टीम ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर शनिवार को चंदन फार्म में जागरूकता आधारित नुक्कड़ नाटक पेश किया। बाल मजदूरी को लेकर लोगों को जागरूक करते हुए इसके नियम-कायदों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में सदस्य अर्पित ने बताया कि पिछले दिनों आई रिपोर्ट के अनुसार देश में बाल मजदूरों की संख्या बढ़कर करोड़ों को पार कर गई है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और यूनीसेफ की एक रिपोर्ट कहती है बाल मजदूरी को रोकने की दिशा में चल रही प्रगति 20 साल में पहली बार रुकी है। कोरोना के चलते बाल श्रम बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। बाल मजदूरी को रोकने के लिए 'विश्व बाल श्रम निषेध दिवस' की शुरुआत हुई। हर साल 12 जून को यह दिवस मनाया जाता है। अस्तित्व की टीम लीडर रेहाना अदीब ने बताया कि भारत में बाल श्रम काफी विस्तृत रूप ले चुका है। बाल मजदूरी अब तस्करी का विकराल रूप धारण कर चुकी है। बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। गरीब बच्चों को मजबूरी में श्रम करना पड़ रहा है। जिन हाथों में कलम और कापी होनी चाहिए वो झाड़ू व चाकू पकड़ने के लिए मजबूर हैं। इस दौरान कस्बे के अलावा बघरा, कासमपुर आदि जगहों से नीलम, नीशू, निशांत, मास्टर धर्मेद्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिकी, काजल, गोपाल, बादल, गोरी व सनी आदि मौजूद रहे।
बाल मजदूरी समस्या पर वेबिनार आयोजित
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना कस्बे के डीएवी डिग्री कालेज की ओर से बाल मजदूरी समस्या व निवारण विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में स्वंयसेवकों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। बाल श्रम निषेध दिवस की थीम 'कोरोना वायरस के दौर में बच्चों को बचाना' का संदर्भ लेते हुए डा. संगीता चौधरी ने बाल श्रम के कानूनी व सामाजिक परिप्रेक्ष्य से स्वंयसेवकों को परिचित कराया। डा. प्रतिभा चौधरी ने बाल श्रम समस्या उन्मूलन हेतु पीड़ितों तक कानूनी जागरूकता के प्रसार हेतु प्रेरित किया। ध्रुव यादव ने बताया कि शिक्षा का अधिकार संविधान प्रदत्त मूल अधिकार की श्रेणी में सम्मिलित किया जा चुका है। स्वंयसेवक बाल मजदूरी रोकने और शिक्षा ग्रहण करने के लिए जागरूक करें। इस अवसर पर आयोजित आनलाइन सर्वेक्षण में स्वंयसेवकों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय प्रबंधक अरविद कुमार, प्राचार्य डा. प्रदीप कुमार, डा. शिखा कौशिक, लायबा, अंजू व हर्षिता आदि का सहयोग रहा।