कड़ी निगरानी से कसेगा चोरों पर शिकंजा

रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मजबूत पैरवी से शिकं

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Sep 2020 11:55 PM (IST) Updated:Sun, 13 Sep 2020 05:02 AM (IST)
कड़ी निगरानी से कसेगा चोरों पर शिकंजा
कड़ी निगरानी से कसेगा चोरों पर शिकंजा

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ मजबूत पैरवी से शिकंजा कसा गया है। कड़ी निगहबानी के बाद भी पिछले एक साल में संपत्ति चोरी के करीब सात मामले पंजीकृत किए गए है। इनमें पेंड्रोल क्लिप से लेकर अन्य सामान चोरी के मामले हैं। डबल ट्रैक बनने के बाद पहरा अधिक बढ़ाया गया है। इसके अलावा कोरिडोर का कार्य प्रारंभ होने के चलते जगह-जगह मशीन, कर्मचारी काम में लगे है। इसके चलते अधिक सतर्कता बरती जा रही है। जनपदीय रेलवे सीमा करीब 82 किलोमीटर तक है। इसकी सुरक्षा के लिए आरपीएफ, जीआरपी और रेल पथ विभाग संयुक्त रूप से कार्य करता है।

-----

पेंड्रोल क्लिप, संपत्ति चोरी के सात मामले

शहरी क्षेत्र सीमा में पड़ रहे रेलवे ट्रैक को कोई खतरा नहीं रहता है, लेकिन आउटर क्षेत्रों में मामूली चूक भी रेलवे की संपत्ति पर भारी पड़ रही है। खतौली से मुजफ्फरनगर और जनपद से टपरी सीमा क्षेत्र के बीच में एक साल के भीतर सात मामले दर्ज किए गए है। यह सभी मामले आरपीएफ थाने में लिखे गए है। जनवरी माह में ही स्टेशन से निकलते ही पेंड्रोल क्लिप चोरी होने का मामला सामने आया था। इसके अलावा स्टेशन परिसर में चोरी की घटना हुई है। इन सभी मामलों को रेलवे बोर्ड के साथ कोर्ट तक पहुंचाया गया, लेकिन आरपीएफ आरोपित चोरों को अब तक नहीं पकड़ सकी है।

----

दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों में लगी थी सेंध

खतौली में उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसके तीन से चार डिब्बे रेलवे ट्रैक के निकट डाल दिए गए थे। इन डिब्बों को चोरों ने निशाना बनाया और बैट्री चोरी कर ली गई। इसके बाद आग भी लगाई गई थी। रेलवे अधिकारी अभी तक चोरों को नहीं ढूंढ़ पाया है। अधिकारियों की भी हीलाहवाली मुकदमों की पैरवी को लचर बनाती है। जिससे चोरों पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं हो पाती है।

----

दीवार बनाकर सुरक्षा

रेलवे स्टेशन के निकट दीवार बनाई गई हैं। इन दीवारों से परिसर के साथ रेलवे ट्रैक की सुरक्षा होती है। रेलवे ने अब दीवारों को भी काफी ऊंचा बनवाया है। इससे स्टेशन परिसर के निकट कब्जा और अतिक्रमण से भी मुक्ति मिली है।

---

इनका कहना है

रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होती है। एक साल में छह से अधिक मामले सामने आए हैं। इनमें पेंड्रोल क्लिप चोरी होने से लेकर अन्य संसाधनों से छेड़छाड़ के है। प्रत्येक मुकदमे को कोर्ट में दायर किया जाता है।

-मनोज कुमार शर्मा, इंस्पेक्टर, आरपीएफ थाना

chat bot
आपका साथी