पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने से निरोगी होता है जीवन : महामंडलेश्वर

मोरना (मुजफ्फरनगर) : तीर्थनगरी शुक्रताल हनुमद्धाम के महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंदजी महाराज

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 11:00 PM (IST)
पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने से निरोगी होता है जीवन : महामंडलेश्वर
पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने से निरोगी होता है जीवन : महामंडलेश्वर

मोरना (मुजफ्फरनगर) : तीर्थनगरी शुक्रताल हनुमद्धाम के महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंदजी महाराज ने गंगा स्नान का चिकित्सीय महत्व बताते हुए कहा कि कार्तिक पूर्णिमा को ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने से जीवन निरोगी होता है। चंद्रमा की किरणें विशेष कोण से जल पर पड़ती हैं, जिनमें अमृत तत्व तथा रोगनाशक जीवनी शक्ति होती है। आयुर्वेद में स्मृति कल्प, श्वास कल्प और दृष्टि कल्प मुख्य हैं, चंद्र दृष्टि से यह तीनों ही कार्तिक पूर्णिमा के समय लिए जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान उत्सव है। यह तिथि यदि कृतिका नक्षत्र से युक्त हो तो परम पुण्यदायी मानी जाती है। इस दिन गंगा मैया, अन्य तीर्थ की नदियों की पवित्र धारा में स्नान करने से सभी प्रकार के कायिक, वाचिक और मानसिक पापों का नाश हो जाता है।

दीपदान से पितरों को सद्गति

कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य गंगा स्नान 23 नवंबर शुक्रवार को है। ज्ञान और धन प्राप्ति के साथ मनोकामना पूरी करने के लिए श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद दीपदान, विष्णु पूजा और कृतिकाओं का पूजन अवश्य करें। इसी दिन चंद्रोदय के समय कुशा की नाव बनाकर उसमें दीपक जलाकर गंगा में प्रवाहित करने से कुल पितरों को सद्गति मिलती है।

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