भाकियू ने किया हरे-भरे पेड़ काटने का विरोध..हंगामा

बीते कई दिनों से क्षेत्र में हरे पेड़ों का कटान जारी है। भाकियू द्वारा हरे पेड़ काटने का विरोध जताने पर एसडीएम ने जांच का आश्वासन दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Nov 2019 09:54 PM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 06:04 AM (IST)
भाकियू ने किया हरे-भरे पेड़ काटने का विरोध..हंगामा
भाकियू ने किया हरे-भरे पेड़ काटने का विरोध..हंगामा

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जानसठ के सत्ती तालड़ा गांव में काटे जा रहे हरे पेड़ों का भाकियू ने विरोध किया है। एसडीएम ने जांच का आश्वासन दिया है। दूसरी ओर पेड़ स्वामी जहां वन विभाग से अनुमति होने का दावा कर रहा है, वहीं वन विभाग के डिप्टी रेंजर ने जिला स्तर से अनुमति जारी होना बताया है। भाकियू कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचे वन रक्षक को बंधक बना लिया।

सत्ती तालड़ा गांव में एक बाग में हरे आम के पेड़ काटने का भाकियू नेताओं ने विरोध किया और पेड़ काटने से रोक दिया। बाग मालिक के वन विभाग की अनुमति दिखाने पर भाकियू नेता एसडीएम अनुज मलिक से मिले और वन विभाग द्वारा हरे पेड़ काटने की अनुमति देने का विरोध जताया। उनका आरोप था कि बाग मालिक ने वन विभाग और पुलिस से सांठगांठ कर संबधित अधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर ली है। एसडीएम ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। एसडीएम से मिलने वालों में भाकियू मंडल सचिव राजेंद्र चौधरी, तहसील अध्यक्ष अशोक घटायन, जानसठ नगराध्यक्ष सहंसरपाल, नगर सचिव कृष्णपाल, सुखबीर चौधरी बिट्टू ठाकुर, कुलदीप कांबोज व रत्ती आदि शामिल रहे।

वन रक्षक को बनाया बंधक

दोपहर बाद जब वन विभाग का वन रक्षक मौके पर पहुंचा तो भाकियू नेताओं ने हरे पेड़ काटने का विरोध जताते हुए उसे बंधक बना लिया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और वन रक्षक को बंधन मुक्त कराया। वन विभाग के डिप्टी रेंजर मोहन कुमार बहुखंडी ने बताया कि जब कोई पेड़ फल देना बंद कर देता है या किसी बीमारी के कारण सूखने लगता है तो उस पेड़ को काटने की अनुमति दी जाती है। जिस बाग में हरे आम के पेड़ काटे जाने का आरोप है, उसको काटने की अनुमति जिला स्तर पर दी गई है।

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