संयमित एवं मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा देती है भागवत : शास्त्री

तीर्थनगरी शुकतीर्थ भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम के डोगरे भागवत भवन में पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज के पावन सानिध्य में चल रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवा दिन कथाव्यास अचल कृष्ण शास्त्री ने भगवान कृष्ण द्वारा पूतना वध कृष्ण बाल चरित्र माखन चोरी लीला दामोदर लीला तथा भगवान गोवर्धन की पूजा आदि की पावन कथा का वर्णन किया। श्रद्धालुओं के द्वारा गोवर्धन भगवान को छप्पन भोग लगाकर धूमधाम से उत्सव मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 12:03 AM (IST)
संयमित एवं मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा देती है भागवत : शास्त्री
संयमित एवं मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा देती है भागवत : शास्त्री

मुजफ्फरनगर, जागरण टीम। तीर्थनगरी शुकतीर्थ भागवत पीठ श्री शुकदेव आश्रम के डोगरे भागवत भवन में पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज के पावन सानिध्य में चल रही श्रीमद भागवत कथा के पांचवा दिन कथाव्यास अचल कृष्ण शास्त्री ने भगवान कृष्ण द्वारा पूतना वध, कृष्ण बाल चरित्र, माखन चोरी लीला, दामोदर लीला तथा भगवान गोवर्धन की पूजा आदि की पावन कथा का वर्णन किया। श्रद्धालुओं के द्वारा गोवर्धन भगवान को छप्पन भोग लगाकर धूमधाम से उत्सव मनाया गया। वसुदेव और नंदबाबा की मित्रता का वर्णन करते हुए व्यास जी ने कहा कि जो व्यक्ति विपत्ति में अपने मित्र की सहायता नहीं करता है। उस व्यक्ति को देखने से भी पाप लगता है। भागवत जीवन को सफल और सार्थक बनाने का सूत्र है। भागवत संयमित एवं मर्यादित जीवन जीने की प्रेरणा देती है। सत्संग से संस्कार तथा भागवत से भगवान मिलते हैं। भागवत आत्मकल्याण तथा पितृ कल्याण का सबसे बड़ा यज्ञ है। कथा के आयोजन में प्रवीण भारद्वाज, नाथीराम, ओमप्रकाश भाटी, शिवचरण, पुष्पेंद्र कौशिक, अजीत सिंह, बाग सिंह, सतीश सक्सेना, संजय मिश्रा, कृपा शंकर, विजेंद्र गुप्ता आदि मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। बाल्यकाल में सबसे अधिक देखभाल की जरूरत

संवाद सूत्र, मंसूरपुर : मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज के मनोरोग विभाग में सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें बाल्यकाल के दौरान होने वाले रोग और उनके उपचार की जानकारी दी गई।

मुख्य अतिथि मेडिकल कालेज मेरठ के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र कुमार ने एक वर्ष से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में होने वाले स्वलीनता रोग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे कुछ ज्यादा बोल नहीं पाते, जिद्दी रहते हैं। एक बात को बार-बार दोहराते रहते हैं। यह आटिस्टिक चिल्ड्रन होते हैं, जो किसी बात पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने आटिस्टिक चिल्ड्रन की समस्याओं, लक्षणों और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मनोरोग विभागाध्यक्ष डा. प्रोफेसर गौतम आनंद ने विभाग के मिशन और विजन के बारे में बताया। सेमिनार में कालेज प्राचार्य ब्रिगेडियर जीएस मनचंदा, सीएमएस डा. कीर्ति गिरि गोस्वामी, प्रबंधक डा. अरशद इकबाल, डा. सृष्टि अरोरा, डा. शुभम वर्मा, डा. गुरतेज गिल, डा. राजेंद्र सिंह, डा. पूजा जसरोटिया, डा. सुरेश अरोरा, डा. इमरान मुस्तफा, डा. मुजीब एहसान, डा. विशाल वीरेंद्र सिंह, डा.भारती महेश्वरी, डा. इला पेहवा, डा. निरंकार, प्रशांत गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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