विश्वास करिए, ये सन्नाटा आपके काम आएगा

बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है. मौत से आंखें मिलने की जरूरत क्या है। सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल यूं ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 11:41 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:41 PM (IST)
विश्वास करिए, ये सन्नाटा आपके काम आएगा
विश्वास करिए, ये सन्नाटा आपके काम आएगा

जेएनएन, मुजफ्फरनगर।

बेवजह घर से निकलने की जरूरत क्या है.

मौत से आंखें मिलने की जरूरत क्या है।

सब को मालूम है बाहर की हवा है कातिल

यूं ही कातिल से उलझने की जरूरत क्या है।

गीतकार गुलजार की लिखी यह पंक्तियां इंटरनेट मीडिया पर खूब तैर रही है, जो वर्तमान के हालात से सबक दिलाने वाली है। महामारी के इस दौर में अ²श्य दुश्मन से खामोश रहकर ही मुकाबला संभव है। संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से साफ है कि भेड़ चाल में चल रही जिदगी पर यह भारी पड़ सकता है। हालातों पर गौर करें तो ताज्जुब नहीं होगा कि विश्वास करिए, ये सन्नाटा हम सबके काम आएगा।

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पुलिस-प्रशासन का साथ दें

शनिवार और रविवार के कोरोना क‌र्फ्यू को लेकर पुलिस और प्रशासन सख्त हो गया है। पुलिस ने सड़कों पर उतरकर लोगों को समझाया है। बिना मास्क पहने बाजार में दिखे लोगों को चेतावनी देने के साथ चालान काटे गए। प्रशासन का रुख साफ है कि कानूनी शिकंजा कसने के लिए विवश नहीं किया जाए। महामारी के दौर में सब साथ आएं और नियमों का पालन करने में सहयोग करें। जानसठ तिराहे पर इंस्पेक्टर एचएन सिंह, एसडीएम इंद्राकांत द्विवेदी ने लोगों से कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है। नगर पालिका ने भी लाउडस्पीकर के माध्यम से जागरूकता संदेश चलाए हैं।

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उलमा ने दी नसीहत, बच्चों पर काबू करें

शुक्रवार को रमजान माह के दूसरे जुमे पर अकीदतमंदों ने नमाज अदा की। उलमा ने खिताब फरमाया कि अब हालात नाजुक है। नौजवानों, बच्चों और बुजुर्गों को कोरोना क‌र्फ्यू को मानना चाहिए। सरकार ने सबकी भलाई के लिए इसे लागू किया है। मां-बाप अपने बच्चों को काबू में रखे। अंत में गीतकार गुलजार की यह चंद लाइन भी माहौल पर खूब जमती है..जिदगी एक नेमत है उसे संभाल के रखो, कब्रगाहों को सजाने की जरूरत क्या है। दिल बहलाने के लिये घर में वजह हैं काफी, यूं ही गलियों में भटकने की जरूरत क्या है।

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