सावधान रहें, कोरोना से नसें भी सिकुड़ रही हैं : डा. करण मारवाह
कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ नीचे जाने के बावजूद लोगों में पोस्ट कोविड बीमारियों के घर करने तथा नए लक्षणों को लेकर वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. करण मारवाह काफी गंभीर हैं। डा. मारवाह का कहना है कि सावधान रहें क्योंकि कोरोना में शरीर की नसें सिकुड़ने का भी खतरा प्रबल है। इसलिए किसी भी समस्या पर क्वालीफाइड चिकित्सक को तुरंत दिखाएं ताकि समय रहते उपचार शुरू हो सके।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना वायरस संक्रमण का ग्राफ नीचे जाने के बावजूद लोगों में पोस्ट कोविड बीमारियों के घर करने तथा नए लक्षणों को लेकर वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. करण मारवाह काफी गंभीर हैं। डा. मारवाह का कहना है कि सावधान रहें, क्योंकि कोरोना में शरीर की नसें सिकुड़ने का भी खतरा प्रबल है। इसलिए किसी भी समस्या पर क्वालीफाइड चिकित्सक को तुरंत दिखाएं ताकि समय रहते उपचार शुरू हो सके।
कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आए मरीज स्वस्थ होते-होते भी स्वर्ग सिधारते नजर आए। कोरोना काल की दहशत लोग भूल नहीं पा रहे। चिकित्सकों को भी कोरोना की लहर अलग ही अनुभव दे गई। वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा. करण मारवाह कहते हैं कि कोरोना का नया स्ट्रेन है, उसके प्रभाव भी पहले से अलग आए हैं। बताया कि संक्रमित मरीजों में देखने को मिल रहा है कि उनके शरीर की नसें सिकुड़ रही हैं, जिससे ब्रेन हेमरेज तथा दूसरे गंभीर प्रभाव सामने आए। इधर-उधर के उपचार में न गंवाएं समय
डा. करण मारवाह लोगों को समझाते हुए कहते हैं कि कोरोना काल में सावधान रहें। यदि कोई दिक्कत महसूस करें तो तुरंत क्वालीफाइड चिकित्सक से सलाह लें। किसी दूसरे के नुस्खे की दवा न खाएं, न ही नीम-हकीम की सलाह पर अमल करें। संक्रमण एक गंभीर समस्या है, इसलिए इसका उपचार क्वालीफाइड चिकित्सक से ही कराएं। बाडी का रेस्पांस है, ब्रेन हेमरेज व हार्ट अटैक
डा. करण मारवाह कहते हैं कि अलग-अलग मरीज पर दवा का असर अलग ही होता है। एक दवा सब मरीजों पर काम नहीं करती। इसलिए किसी की बताई दवा न खाएं। कोरोना संक्रमित को ब्रेन हेमरेज या हार्ट अटैक किसी दवा के कारण नहीं, बल्कि एक तरह से बाडी रेस्पांस है। ब्लैक फंगस अक्सर स्टेरायड के प्रभाव से भी होता है, लेकिन सभी मामलों में दवा चिकित्सक की सलाह पर ही लेना उचित है। उपचार से पहले कोरोना से बचाव है जरूरी
डा. करण मारवाह का कहना है कि यदि संक्रमित हो जाते हैं तो उपचार आवश्यक है, लेकिन ऐसा प्रयास होना चाहिए कि संक्रमण से बचाव हो सके। इसलिए जरूरी है कि चेहरे पर मास्क लगाएं तथा शारीरिक नियमों का पालन करें और एक-दूसरे से कम से कम छह फिट की दूरी बनाएं। हाथों को सैनिटाइज करते रहें।