दिन निकलते ही तीमारदारों पर मुकदमा, पिस्टलधारी को खुली छूट
मनीष शर्मा। निजी कोविड अस्पताल सैनी हार्टकेयर में गुरुवार तीसरे पहर एक मरीज की मौत के बाद हुए हंगामे में पुलिस ने तीमारदारों पर ही मारपीट और आपदा नियमावली के उल्लंघन समेत आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और खामोश बैठ गई। शुक्रवार सुबह जब आम लोगों और जिम्मेदार शहरियों ने सवाल पूछने शुरू किए तो रहस्यमयी सन्नाटा पसर गया। इंटरनेट मीडिया पर सवाल उछलने लगे कि अस्पताल के पिस्टलधारी पर रात तक मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया मनमानी आखिर क्यों। इन सवालों का जवाब आला अफसरों और जन प्रतिनिधियों के पास भी शायद नहीं था। यही वजह रही कि ज्यादातर जिम्मेदार लोग फोन उठाने से बचते रहे तो कुछ अपनी मजबूरी छिपा भी नहीं पाए।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर, मनीष शर्मा।
निजी कोविड अस्पताल सैनी हार्टकेयर में गुरुवार तीसरे पहर एक मरीज की मौत के बाद हुए हंगामे में पुलिस ने तीमारदारों पर ही मारपीट और आपदा नियमावली के उल्लंघन समेत आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और खामोश बैठ गई। शुक्रवार सुबह जब आम लोगों और जिम्मेदार शहरियों ने सवाल पूछने शुरू किए तो रहस्यमयी सन्नाटा पसर गया। इंटरनेट मीडिया पर सवाल उछलने लगे कि अस्पताल के पिस्टलधारी पर रात तक मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया, मनमानी आखिर क्यों। इन सवालों का जवाब आला अफसरों और जन प्रतिनिधियों के पास भी शायद नहीं था। यही वजह रही कि ज्यादातर जिम्मेदार लोग फोन उठाने से बचते रहे तो कुछ अपनी मजबूरी छिपा भी नहीं पाए।
गुरुवार को प्रशासन द्वारा नामित निजी कोविड अस्पताल सैनी हार्टकेयर सेंटर में जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था लेकिन शुक्रवार सुबह जिसे भी मुकदमे का पता चला, उसने यही कहा कि इसे भी सही नहीं कहा जा सकता। अक्सर रस्सी को साप बनाने की तोहमत झेलने वाली खाकी ने पीपीई किट पहने उन हाथों का संज्ञान ही नहीं लिया, जिनमें पिस्टल लहरा रही थी। इससे पहले कई मर्तबा देखा गया है कि बड़े साहब ने इंटरनेट मीडिया की तस्वीरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए मुकदमा लिखा दिया। यहा तो सीधे आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं, मैडम भी कई मामलों में सख्त दिखी हैं लेकिन इस प्रकरण पर सब चुप हैं। शुक्रवार शाम तक पीड़ित तीमारदारों की तहरीर नहीं हाने की बात सुनाई देती रही, जबकि मृत मरीज के स्वजन खुद कोतवाली में तहरीर दे आने की बात कहते रहे। मृत मरीज के स्वजन ने यह भी बताया कि उन्होंने सारे प्रकरण को सीएम पोर्टल पर डालकर इंसाफ मागा है। बहरहाल, शुक्रवार को पूरे प्रकरण पर जनप्रतिनिधियों की खामोशी पर भी सवाल उठते रहे। अंतत: तीसरे पहर पुरकाजी विधायक प्रमोद ऊटवाल ने सारा प्रकरण लखनऊ के संज्ञान में डाला, गोलीबारी को गलत ठहराया और तीमारदारों के साथ खड़े हुए। देखना है कि पीड़ित पक्ष को इंसाफ कब मिलता है।