पुत्र की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना को महिलाओं ने रखा व्रत

अहोई अष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। पुत्र की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पुत्रवती महिलाओं ने व्रत रखा और घर के बुजुर्गों को बायने के रूप में कपड़ा आदि भेंट कर और खाना खिलाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। रात्रि में तारे को अ‌र्घ्य देकर व्रत खोला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:38 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:38 PM (IST)
पुत्र की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना को महिलाओं ने रखा व्रत
पुत्र की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना को महिलाओं ने रखा व्रत

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। अहोई अष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। पुत्र की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पुत्रवती महिलाओं ने व्रत रखा और घर के बुजुर्गों को बायने के रूप में कपड़ा आदि भेंट कर और खाना खिलाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। रात्रि में तारे को अ‌र्घ्य देकर व्रत खोला।

गुरुवार को पुत्र की दीर्घायु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए महिलाओं ने अहोई अष्टमी का उपवास रखा। महिलाओं ने गेरूए रंग से घर की दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाई। कुछ महिलाओं ने बाजारों से अहोई माता के कलेंडर खरीदकर दीवार पर लगाए। जमीन को गोबर से लीपकर कलश स्थापना की। अहोई माता का पूजन कर उन्हें दूध-चावल का भोग लगाया। इसके बाद एक जल से भरा लोटा रखा। महिलाओं ने सज संवरकर दिन में एक स्थान पर एकत्र होकर सामूहिक रूप से अहोई माता की कथा सुनीं। शाम के समय महिलाओं ने घर में पकवान बनाए। घर के बड़े बुजुर्गों के लिए बायना निकाला और उन्हें खाना खिलाकर तथा चरण छूकर बायने के रूप में उपहार भेंट किए। घर के बड़े बुजुर्गों ने भी मां-बेटे को सुख-समृद्धि, लंबी आयु व अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। रात्रि में तारे को अ‌र्घ्य देकर महिलाओं ने व्रत खोला। अहोई अष्टमी का पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया

चरथावल: नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में अहोई अष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर माताओं ने संतान की सलामती के लिये निर्जल व्रत रखते हुए पूजा अर्चना की। गुरुवार को महिलाओं ने सामूहिक रूप से अहोई अष्टमी की कथा का श्रवण किया और पुत्रों की खुशहाली के लिये निर्जल व्रत रखकर पूजा अर्चना की। वहीं शाम को महिलाओं ने तारे के दर्शन करने के पश्चात अ‌र्ध्य देकर व्रत को खोला। महिलाओं का कहना है कि अहोई अष्टमी का पर्व संतान की लम्बी आयु व घर में खुशहाली का त्यौहार है। इस दिन महिलाएं अपने संतान की लम्बी आयु की कामना करती है। महिलाओं ने अहोई अष्टमी के प्रतीक सेव के बच्चों की खरीदरी की। वहीं महिलाओं ने बायना निकालकर बड़े बुजुर्गों को देकर आशीर्वाद लिया और बडे़ बुजुर्गों ने शगुन के रूप में उपहार देकर उनकी लम्बी आयु की कामना की।

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