माताओं ने मांगी पुत्रों की दीर्घायु की कामना

गुरुवार को यहां अहोई अष्टमी श्रद्धा के साथ मनाई गई। माताओं ने अपनी संतान के लिए व्रत रखा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:52 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 05:52 PM (IST)
माताओं ने मांगी पुत्रों की दीर्घायु की कामना
माताओं ने मांगी पुत्रों की दीर्घायु की कामना

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। गुरुवार को यहां अहोई अष्टमी श्रद्धा के साथ मनाई गई। माताओं ने अपनी संतान की दीर्घायु के लिए व्रत रखा। शाम को अहोई की पूजा अर्चना कर व्रत खोला गया। सर्राफा की दुकानों पर साऊ माता की चांदी की मालाओं की खासी बिक्री हुई। बाजारों में खरीदारों के चलते रौनक रही।

महिलाएं संतान की सलामती के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। इसमें सुबह स्नान कर उपवास रखा जाता है। आसपड़ोस की महिलाओं के संग अहोई की कहानी सुनी जाती है। महिलाओं ने बाजार से अपने पुत्रों के लिए साऊ की चांदी की माला, करवा व अहोई के कैलेंडर की खरीदारी की। इस पर्व पर बाजारों में रौनक रही। शाम को अहोई की पूजा अर्चना कर व्रत खोला। दयालपुर कालोनी स्थित आवासीय वृद्ध आश्रम में वृद्ध महिलाओं ने संतानों की दीर्घायु के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखा और उनकी लंबी आयु के लिए कामना की।

संवाद सूत्र, पुरकाजी : कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन माताएं पूरा दिन अपने बच्चों की खुशहाली के लिए व्रत रखती है। इस दिन अहोई माता के साथ सेई और सेई के बच्चों की पूजा का विधान होता है। कस्बे के अलावा फलौदा, भैसानी, धमात, शेरपुर, खाईखेडी आदि गांवों में माताओं ने अहोई अष्टमी के चलते अपनी संतान की खुशहाली के लिए उपवास रखते हुए एक जगह एकत्रित होकर कथा सुनी। शाम के समय घरों में पकवान बनाए गए। अर्चना, सुधा, ममता, रूबी, सुप्रिया, राधा आदि ने देर शाम अहोई माता की तस्वीर के आगे पूजा की और घर के बड़े बुजुर्गों के लिए बायना निकाला।

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