दारोगा की जिद के चलते घंटों पेड़ पर लटका रहा शव
जेएनएन मुजफ्फरनगर। हाइवे के किनारे पेड़ पर लटके शव को उतारने में पुलिस की संवेदनहीनता
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। हाइवे के किनारे पेड़ पर लटके शव को उतारने में पुलिस की संवेदनहीनता के चलते दो घंटे लग गए। पुरकाजी पुलिस और ग्रामीणों के लाख बताने के बावजूद छपार थाने का दारोगा घटनास्थल अपने थाने का होने से मना करता रहा।
हाइवे पर रविवार सुबह छपार पुरकाजी सीमा पर खाई में युवक का शव पेड़ पर लटका दिखाई दिया। छपार थाने से दारोगा रविद्र सिंह और पुरकाजी कोतवाल देशराज सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। घटनास्थल के थाने को लेकर मामला उलझ गया। फलौदा व बरला के ग्रामीणों तथा पुरकाजी पुलिस द्वारा घटनास्थल छपार थाने का बताने के बावजूद दारोगा जिद पर अड़ा रहा और मामले को पुरकाजी की ओर धकेलता रहा। घंटों की जद्दोजहद के बाद दरोगा को महसूस हुआ कि घटनास्थल छपार थाने का ही है। पता चलने के बाद भी दारोगा ने सिपाहियों को शव नहीं छूने दिया। मृतक के परिवार के युवकों को पेड़ पर चढ़ाकर फावड़े से रस्सी कटवाकर शव नीचे उतरवाया। जेब से मिले आधार कार्ड और मौके पर पहुंचे स्वजनों ने मृतक की शिनाख्त मुनेश (36) पुत्र चेतन निवासी बरला के रूप में की। बताया कि वह शनिवार सुबह घर से मजदूरी पर जाने के लिए निकला था। पुलिस का कहना है कि प्रथम ²ष्टया मामला आत्महत्या का नजर आ रहा है।
शव ले जाने के लिए मंगवाया रेहड़ा
पुरकाजी : पुलिस संवेदनहीनता की सारी हदें लांघ गई। शव को लिवा ले जाने के लिए रेहड़ा मंगाया गया। रेहड़े में रखने की तैयारी की जाने लगी कि अचानक जिम्मेदार लोगों की निगाह मीडिया पर पड़ी तो उन्होनें फोटो खिंच जाने के डर से रेहड़े वाले को वापस भेजा। बाद में पुलिस ने हाइवे से गुजर रहे टेंपो को पकड़कर शव को मोर्चरी पर भिजवाया।