हादसे की आशंका के चलते बंद है 52 दर्रा पुल

मुगल बादशाह हुमायूं पर विजय उपरांत शेरशाह सूरी ने मुजफ्फरनगर-सहारनपुर मार्ग स्थित काली नदी पर करीब 500 साल पहले 52 दर्रा पुल बनवाया था जो आज भी अडिग है। हालांकि दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर पुल पर आवागमन प्रतिबंधित कर नवनिर्मित स्टेट हाईवे पर तैयार कराए गए पुल से लोग गुजरते हैं। ऐतिहासिक महत्व वाला यह पुल कालांतर में बोले जाने वाले ग्रांड ट्रक रोड निर्माण के साथ ही तैयार कराया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 11:36 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 11:36 PM (IST)
हादसे की आशंका के चलते बंद है 52 दर्रा पुल
हादसे की आशंका के चलते बंद है 52 दर्रा पुल

मुजफ्फरनगर, राशिद अली। मुगल बादशाह हुमायूं पर विजय उपरांत शेरशाह सूरी ने मुजफ्फरनगर-सहारनपुर मार्ग स्थित काली नदी पर करीब 500 साल पहले 52 दर्रा पुल बनवाया था, जो आज भी अडिग है। हालांकि दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर पुल पर आवागमन प्रतिबंधित कर नवनिर्मित स्टेट हाईवे पर तैयार कराए गए पुल से लोग गुजरते हैं। ऐतिहासिक महत्व वाला यह पुल कालांतर में बोले जाने वाले ग्रांड ट्रक रोड निर्माण के साथ ही तैयार कराया गया था।

सूरी वंशीय बादशाह शेरशाह सूरी मुगल सम्राट हुमायूं को हराकर दिल्ली की गद्दी पर आसीन हुआ था। इतिहासकारों के मुताबिक दिल्ली की गद्दी पर बैठने के बाद शेरशाह सूरी ने सेना लश्कर के आने-जाने के लिए एक सड़क का निर्माण कराया था। वर्तमान में मुजफ्फरनगर से सहारनपुर जा रही उक्त सड़क पर काली नदी के ऊपर 52 दर्रा पुल का निर्माण शेरशाह सूरी के आदेश पर 1512 ई. में कराया गया। बरसात में 52 दर्रो से होकर गुजरता है काली नदी का पानी

बरसात के दिनों में काली नदी के चढ़ने से पानी का बहाव तेज हो जाता है। गत चार वर्षो से स्टेट हाईवे 59 के निर्माण के साथ ही 52 दर्रा पुल आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है, लेकिन पुल की मजबूती आज भी कायम है। बारिश के दिनों में काली नदी में सहारनपुर की ओर से आने वाला पानी सभी दर्रो में होकर बहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पुल निर्माण के दौरान 52 दर्रे इसलिए ही बनाए गए थे कि पानी पुल के किनारों पर न आ सके। पांच लाख से अधिक बड़ी ईट लगी थी 52 दर्रा निर्माण में

पुल निर्माण में पांच लाख से अधिक ईट का प्रयोग हुआ था। पुल का स्थायित्व कायम रखने के लिए 52 दर्रो का निर्माण कराया गया था, जिन्हें पुराने समय की खास निर्माण कला डांट बनाकर तैयार किया गया था। सभी दर्रे ईट की डांट से तैयार कराए गए हैं। अंग्रेजी काल में कराया गया था पुल का जीर्णोद्धार

1512 में शेरशाह सूरी के बनवाए 52 दर्रा पुल का जीर्णोद्धार 1918 में अंग्रेज अधिकारियों ने कराया था। मुजफ्फरनगर के इतिहास में पुल निर्माण का समय तो अंकित है, लेकिन उसके जीर्णोद्धार की जानकारी वाला कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह चर्चा आम है कि अंग्रेजी जमाने में पुल की मरम्मत कराई गई थी। मजबूती की मिसाल पर्दाफाश झील पर निर्मित पुल

काली नदी पर अंग्रेजों के जमाने में निर्मित पुल काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गया था। चार वर्ष पूर्व सेतु निगम के तत्वावधान तथा पीडब्लूडी की निगरानी में पुराने पुल के बगल में ही नए पुल का निर्माण प्रारंभ किया गया था। निर्माण पूर्ण होने वाला था कि उससे पहले ही पुराना पुल भरभरा कर गिर गया था। उक्त सड़क पर पर्दाफाश झील पर निर्मित पुल आज भी मजबूती से खड़ा है।

chat bot
आपका साथी