कुपोषण की चपेट में 3338 बच्चे

खानपान का संतुलन बिगड़ने से बचपन को कुपोषण ने जकड़ लिया है। जनपद में 3338 बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं। इतना ही नहीं 1402 बच्चों में तय मानक से कम वजन पाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 11:42 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 11:42 PM (IST)
कुपोषण की चपेट में 3338 बच्चे
कुपोषण की चपेट में 3338 बच्चे

मुजफ्फरनगर, जागरण टीम। खानपान का संतुलन बिगड़ने से बचपन को कुपोषण ने जकड़ लिया है। जनपद में 3338 बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं। इतना ही नहीं 1402 बच्चों में तय मानक से कम वजन पाया गया। ऐसे बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने के साथ ही संबंधित अधिकारियों ने परिजनों से बातचीत की है। जरूरत पड़ने पर कुछ बच्चों को 15 दिनों के लिए केंद्रों पर रखा जाएगा।

गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वजन किया गया, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया कि जनपद में सभी 2274 आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से पांच साल तक के करीब 2.40 लाख बच्चे हैं, जिसमें 1.60 लाख बच्चों का वजन किया गया। 1.45 लाख बच्चों का वजन सामान्य निकला, जबकि 10341 बच्चे अल्प वजन वाले मिले और 3671 बच्चे गंभीर अल्प वजन के मिले हैं। इनमें 2332 मैम (कुपोषित) तथा 1006 बच्चे सैम (अतिकुपोषित) श्रेणी में हैं। इन सभी बच्चों का स्वास्थ्य सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 15 दिन बार फिर इन बच्चों का वजन कराया जाएगा। यदि सुधार नहीं होता है तो कुछ समय के लिए केंद्रों पर भी रखा जा सकता है। जो बच्चे मानसिक रूप से कमजोर हैं या कुपोषण के शिकार हैं, उनकी पहचान के लिए अभियान चलाया जा रहा है। बच्चों की जांच की तिथि तय

डीपीओ ने बताया कि हर माह के पहले बुधवार को एएनएम उप केंद्रों पर, प्रत्येक शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एवं रविवार को आयोजित आरोग्य मेला में इन बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराई जा सकती है। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र पर 15 दिन रख कर उनके पोषण स्तर में सुधार लाया जाता है। बच्चे के माता-पिता को चाहिए कि वह नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर अपने बच्चे का वजन और लंबाई की माप कराएं और देखें कि उसकी आयु के अनुसार उसका वजन और लंबाई बढ़ रही है या नहीं। बच्चों को दिन में चार-पांच बार भोजन दें। यदि किसी समस्या के कारण मां का दूध नहीं हो रहा है या बच्चा दूध नहीं पी पा रहा है तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। जन्म से छह माह तक मां का दूध बच्चे के लिए बहुत जरूरी है। इसके साथ-साथ कोविड के दौरान बच्चों के हाथ और उसके खिलौने को साफ रखें।

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