बालिका से दुष्कर्म के प्रयास में युवक को तीन साल की कैद

रामपुर में बालिका से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में अदालत ने युवक को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। 20 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। घटना करीब पांच साल पहले की है। भोट थाना क्षेत्र के गांव की महिला ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 09:34 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 09:34 PM (IST)
बालिका से दुष्कर्म के प्रयास में युवक को तीन साल की कैद
बालिका से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में अदालत ने युवक को तीन साल कैद की सजा सुनाई है।

मुरादाबाद, जेेएनएन। रामपुर में बालिका से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में अदालत ने युवक को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। 20 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। घटना करीब पांच साल पहले की है। भोट थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि 23 जनवरी 2016 को उसकी 12 साल की बेटी शाम सात बजे पड़ोसी के घर से सब्जी लेकर आ रही थी। रास्ते में गांव के युवक ने उसे बुरी नीयत से दबोच लिया और प्राथमिक विद्यालय में ले गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। शोर मचाने पर गांव के लोग आ गए, जिस पर वह जान से मारने की धमकी देकर भाग गया था। पुलिस ने मुकदमे में नामजद ओमपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच पूरी कर उसके खिलाफ चार्जशीट लगा दी थी। कोर्ट में मामले की सुनवाई की गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने युवक को झूठा फंसाए जाने का तर्क दिया, जबकि सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित सक्सेना का कहना था कि गवाहों ने घटना को साबित किया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट नीलू मोघा ने युवक को तीन साल की कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

दुष्कर्म के आरोप से बरी

जासं, रामपुर : गवाह पक्षद्रोही होने पर अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में युवक को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। अजीमनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 16 वर्षीय बेटी को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोप में दो लाेगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच कर उसे बरामद कर लिया। कोर्ट में बयान कराए, जिसमें किशोरी ने थाना मिलक खानम के ग्राम माहूनागर निवासी पप्पू सागर पर अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पुलिस ने उसके खिलाफ चार्जशीट दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट आदि धाराओं में लगाई थी। अदालत में मुकदमे की सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता डीके नंदा ने बताया कि गवाह पक्षद्रोही हो गए। अभियोजन आरोप साबित नहीं कर सका, जिस पर अदालत ने युवक को बरी कर दिया है।

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