World Mental Health Day 2021 : बढ़ रहीं मानसिक बीमारियां, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
World Mental Health Day 2021 कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में उन लोगों को सबसे अधिक परेशानी हुई जिनका मानसिक स्वास्थ्य कमजोर था। आनलाइन क्लास की वजह से बच्चे भी गलत लोगों के संपर्क में आए।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। World Mental Health Day 2021 : कोरोना महामारी में अमीर और अमीर बना, गरीब और गरीब हो गया। मानसिक तनाव का सबसे बड़ा कारण लोगों के लिए यही बना है। मानसिक रूप से कमजोर लोगों पर कोरोना का अधिक असर पड़ा। हालात ये हैं कि कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर में उन लोगों को सबसे अधिक परेशानी हुई जिनका मानसिक स्वास्थ्य कमजोर था। आनलाइन क्लास की वजह से बच्चे भी गलत लोगों के संपर्क में आए। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के साथ ही बच्चों की आनलाइन क्लास पर भी पूरा ध्यान देना जरूरी है।
केस एक : कोरोना महामारी में वर्क फार्म होम करने वाले युवाओं का पूरा शेड्यूल बदलने से मानसिक तनाव बढ़ा है। सिविल लाइन के रहने वाले 24 वर्षीय युवक आइटी सेक्टर में काम करने की वजह से रात-रातभर जागने की वजह से पूरा शेड्यूल बिगड़ गया है। सामाजिक दूरी होने की वजह से मानसिक तनाव हो रहा है। अकेलापन महसूस करने के साथ ही चिड़चिड़ापन आ रहा है।
केस दो : आनलाइन क्लास की वजह से इंटरनेट मीडिया पर बच्चों को आजादी मिलने से उन्होंने अपनी उम्र से डबल उम्र के लोगों से दोस्ती की। मानसरोवर कालोनी की 17 वर्षीय छात्रा की कोरोना काल में आनलाइन क्लास के चक्कर में 40 साल की उम्र के व्यक्ति से दोस्ती हो गई। एक दिन पिता ने उसे रात में चैटिंग करते हुए पकड़ लिया। काउंसिलिंग के दौरान उसने चौंकाने वाली बातें बताईं।
ये हैं लक्षण : व्यवहार में परिवर्तन, अकेला रहने का मन, बात-बात पर गुस्सा, कभी कभी रोने लग जाना, नकारात्मक विचारधारा।
ये करें : शराब न पीएं, परिवार के सदस्यों के साथ रहें, नियमित दिनचर्या का शेड्यूल बनाएं, पौष्टिक आहार लें, पानी का सेवन करते रहें, सामाजिक दूरी न बनाएं।
मानसिक रोग के लिए सरकारी व्यवस्था में इंतजाम नहीं है। मानसिक रोग विशेषज्ञ जिला मुख्यालय के साथ ही सीएचसी-पीएचसी पर भी नहीं हैं। कोरोना का असर मानसिक रोगियों पर अधिक पड़ा है। लोगाें को जागरूक होने की जरूरत है।
डाॅ. नीरज गुप्ता, वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ
जिला अस्पताल के मानसिक रोग कक्ष में प्रतिदिन युवाओं की संख्या अधिक है। कोरोना के बाद दिमागी दिक्कतों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। कोरोना के बाद से दिमाग की परेशानियां बढ़ी हैं। अकेले न रहें। परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करें।
धनंजय कुमार, काउंसलर जिला अस्पताल