World Food Safety Day 2021 : कोरोना काल में समझ आया खाद्य सुरक्षा का महत्व, हर घर में जलते रहे चूल्हे
कोरोना महामारी में पूरी दुनिया के कदम थम गए। इससे पहले भी महामारी आई है लेकिन ऐसा सन्नाटा कभी नहीं देखा गया। सभी उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हो गए लोग जीवन बचाने के लिए घरों में कैद होकर रह गए।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी में पूरी दुनिया के कदम थम गए। इससे पहले भी महामारी आई है, लेकिन ऐसा सन्नाटा कभी नहीं देखा गया। सभी उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हो गए, लोग जीवन बचाने के लिए घरों में कैद होकर रह गए। काम धंधा न होने के कारण अधिकांश लोगों के सामने पेट भरने तक का संकट खड़ा हो गया। इस दौरान खाद्य सुरक्षा की संकल्पना विश्व भर के काम आई।
खाद्यान्न और खाद्य पदार्थों का एक कण भी व्यर्थ न जाए और कोई भूखा न रहे के उद्देश्य से हर साल सात जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। कोरोना काल में यह दिवस और भी प्रासंगिक हो गया है। महामारी में भारत सरकार ने देश के गोदामों में सुरक्षित खाद्यान्न भंडार का मुंह खोला और देश की अस्सी करोड़ जनता तक निश्शुल्क खाद्यान्न पहुंचाया। मुरादाबाद के साढ़े पांच लाख से अधिक राशनकार्ड धारक इस योजना से लाभांवित हुए। इसका नतीजा रहा कि महीनों घर बैठने के बाद भी हर घर में चूल्हा जलता रहा। 2020 में पहली लहर के बाद लाकडाउन लगाए जाने के बाद सरकार ने अप्रैल से नवंबर तक नौ महीने खाद्यान्न का वितरण किया। वर्ष 2021 में दूसरी लहर के बाद मई से फिर निश्शुल्क राशन का वितरण शुरू किया गया है। मुरादाबाद में पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक 91 हजार 821 टन गेहूं और चावल का निश्शुल्क वितरण हुआ। इस साल मई और जून में 22 हजार 960 टन खाद्यान्न का वितरण किया गया है। इसके अलावा हर महीने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती दर पर अनाज का वितरण किया जाता है।
कुल राशन कार्ड : 555768
फ्री राशन अप्रैल 20 से नवंबर 20 तक कुल वितरण चावल : 36728.64 टन
गेहूं : 55092.96 टन
मई 21 व जून 21 में वितरण
गेहूं : 13777.324 टन
चावल : 9182.16 टन
रियायती दर पर प्रति माह वितरण गेहूं : 6886.62 टन
चावल : 4591.08 टन