कोसी नदी के किनारे खेतों में भरा पानी, गल गईं फसलें, नुकसान के मुआवजे के ल‍िए भटक रहे क‍िसान

रामपुर के स्‍वार में कोसी नदी में पिछले दिनों आई बाढ़ से आसपास के गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। धान और गन्ने की फसल भी गल गई है। इससे किसान काफी परेशान हैं। किसानों ने मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:46 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:46 AM (IST)
कोसी नदी के किनारे खेतों में भरा पानी, गल गईं फसलें, नुकसान के मुआवजे के ल‍िए भटक रहे क‍िसान
किसानों ने मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रामपुर के स्‍वार में कोसी नदी में पिछले दिनों आई बाढ़ से आसपास के गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। धान और गन्ने की फसल भी गल गई है। इससे किसान काफी परेशान हैं। किसानों ने मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

कई दिन पहले रामनगर बैराज से हजारों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कोसी नदी में उफान आ गया था। नदी किनारे खड़ी फसलों में पानी भर गया था। इससे फसलें जलमग्न हो गई थीं। नदी का जलस्तर बढ़ने से किसान चारा लेने के लिए जान जोखिम में ड़ाल नदी पार जा रहे थे। गांव में चारे का संकट भी उत्पन्न हो गया है। कोसी नदी का जलस्तर घटने पर नदी किनारे गांव पसियापुरा, रसूलपुर, धनौरी, इमरता, फाजलपुर, अंधापुरी, बंदरपुरा, मधुपुरी, समोदिया, सोनकपुर, फरीदपुर, धनपुर शहादरा, मिलककाजी, खेमपुर, बजावाला आदि किसानों की गन्ने व धान की फसलें व चारा गलने व सड़ने लगा है। किसान काफी परेशान है। किसानों ने फसलों में काफी लागत लगाई थी, लेकिन उन्हें क्या पता था कि फसलें चौपट होकर रह जाएंगी। एक तो ग्रामीणों में बाढ़ का खौफ पहले से ही बना था। दूसरे किसानों की फसलें नष्ट होकर रह गई हैं। इससे किसान काफी परेशान हैं और मुआवजे के लिए तहसील प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं। एसडीएम यमुनाधर चौहान ने बताया की नदी किनारे जिन किसानों की फसलें चौपट हुई हैं, उनका सर्वे कराया जाएगा। फसलें नष्ट होने पर किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

कई गांव नदी किनारे पर बसे हैं। कोसी नदी का जलस्तर घटने पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। लेकिन जलस्तर घटने पर नदी जमीनों का कटान कर रही है। जिससे काफी नुकसान हो रहा है।

हसनैन अली

कोसी नदी में उफान आने पर फसलें जलमग्न हो गई थीं। जलस्तर घट गया है, लेकिन फसलें सड़ने व गलने लगी हैं। किसान काफी चिंतित हैं और मुआवजा के लिए प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं।

मुहम्मद हसन

कोसी नदी में पानी आने से किसान खेत पर नही जा रहे हैं। पशुओं के लिए चारे का भी संकट उत्पन्न हो गया है। फसलें भी नष्ट हो गई हैं। किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

रासिद अली

खेतों में कई दिन तक पानी भरा रहने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। धान की पौध पूरी तरह से गल गई है। बारिश न होने के कारण इंजन से सिंचाई कर धान की रोपाई की थी। नदी में उफान आने से फसल नष्ट हो गई।

नितिन कुमार।

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