Water conservation : वर्षा का जल संचय करने की कवायद, मुरादाबाद के इन भवनों में लगाए जाएंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
नगर निगम ने स्मार्ट सिटी में 17 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने शुरू कर दिए हैं। दो सरकारी भवनों में मंडलायुक्त कार्यालय यातायात पुलिस विभाग के भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लग चुका है। दस विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का काम जारी है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। पानी की बूंद-बूंद सहेजेंगे, तभी जीवन बचेगा। जिस तरह भूगर्भ जल का स्तर गिरता जा रहा है, उसको लेकर आज जागरूक नहीं हुए तो कल हमारी पीढ़ियां जल संकट झेलेंगी। इसकी झलक अभी से दिखने लगी है। जिन क्षेत्रों में 60 फीट पर हैंडपंप का पीने योग्य पानी आ जाता था अब वहां 120 से 140 फीट पर पीने योग्य पानी मिल रहा है।
नगर निगम ने स्मार्ट सिटी में 17 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने शुरू कर दिए हैं। दो सरकारी भवनों में मंडलायुक्त कार्यालय, यातायात पुलिस विभाग के भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लग चुका है। दस विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का काम जारी है। सितंबर तक यह रेन वाटर हार्वेस्टिंग सभी 17 भवनों पर लग जाएंगे। इसमें करीब तीन करोड़ रुपये की लागत आ रही है। इससे वर्षा का जल व्यर्थ बहने से रोका जा सकेगा। नालियों में बारिश का जल नहीं बहने से जलभराव की समस्या में भी कमी आएगी। साथ ही भूगर्भ जल का स्तर बढ़ने से शहर में गिरते जल स्तर को बचाने में मदद मिलेगी। भूगर्भ जल शहर का दो सालों में एक फीट तक नीचे जा चुका है। यह खतरे की घंटी है। केवल सरकारी प्रयास ही नहीं हर व्यक्ति को वर्षा का जल संचय करने के लिए जागरूक होना पड़ेगा। एक रेन वाटर हार्वेस्टिंग की करीब 30 हजार लीटर क्षमता होगी।
यह चिह्नित किए सरकारी भवन : डीसी आफिस, मंडलायुक्त कार्यालय, बीएसए कार्यालय, जिला सहकारी बैंक, सैनिक पूनर्वास कल्याण मुरादाबाद, कोषागार कार्यालय, एएनएम कार्यालय सिविल लाइंस बी-1, एएनएम कार्यालय सिविल लाइंस बी-2, यूआइपी आफिस, सीएमओ कैंपस, आरटीसी बैरक नंबर एक, आरटीसी बैरक नंबर दो, आरटीसी बैरक नंबर तीन, आरटीसी बैरक नंबर चार, जिला पुस्तकालय एवं शिक्षा विभाग, जिला होम्योपैथिक मेडिकल आफिस, एसपी सिटी आफिस, इनकम टैक्स आफिस।
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगने शुरू हो गए हैं। सितंबर तक यह सिस्टम लग जाएंगे। बड़े सरकारी भवनों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए चिह्नित किया गया है। लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। अपने आवास में भी वर्षा का जल संचय करके पेड़-पौधों को पानी देने, धुलाई व अन्य कामों में इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
टीएन मिश्रा, प्रभारी, स्मार्ट सिटी