उत्तराखंड से अपहरण करके उत्तर प्रदेश में शिक्षक की हत्या

डिलारी के ग्राम गोविंदपुर निवासी हेतराम सिंह परिवार के साथ काशीपुर की आदर्श कालोनी में रहते थे। ३१ अक्टूबर से लापता शिक्षक की लाश ठाकुरद्वारा में मिला है।

By RashidEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 01:44 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 07:10 AM (IST)
उत्तराखंड से अपहरण करके उत्तर प्रदेश में शिक्षक की हत्या
उत्तराखंड से अपहरण करके उत्तर प्रदेश में शिक्षक की हत्या

मुरादाबाद, जेएनएन। उत्तराखंड के काशीपुर से अपहरण करके प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक की हत्या करके लाश को ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में फेंक दिया गया। बाग के अंदर मिले शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा दिया है। लाश पुरानी हो जाने के चलते हत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है, इसलिए बिसरा सुरक्षित रख दिया गया। 

तीस अक्टूबर को हुए थे लापता

डिलारी के ग्राम गोविंदपुर निवासी 48 वर्षीय हेतराम सिंह हाल में परिवार के साथ उत्तराखंड के काशीपुर की आदर्श कालोनी में रहते थे। वह गांव सरवरखेड़ा के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। हेतराम सिंह 30 अक्टूबर को घर से बाइक पर सवार होकर ठाकुरद्वारा के लिए निकले थे जिसके बाद घर नहीं पहुंचे। परिवार के लोगों ने काशीपुर थाने में उनकी गुमशुदगी दर्ज करा दी गई।

भवालपुर बाग में मिली लाश

हेतराम का कोई सुराग नहीं मिलने पर पुलिस लगातार तलाश कर रही थी। हेतराम को पत्नी अंजली ने सभी रिश्तेदारियों में भी तलाश कर ली। कमालपुरी रोड पर भवालपुरा बाग में चौकीदार हरपाल सिंह पहुंचे तो झाडिय़ों से दुर्गंध आ रही थी। चौकीदार ने करीब जाकर देखा तो शव पड़ा हुआ है। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लिया।

पुलिस ने लोगों से  कराई पहचान

आसपास के लोगों ने मृतक की पहचान हेतराम के रूप में की है। पहचान के बाद तत्काल ही मामले की जानकारी हेतराम के परिवार को दी गई। उसकी शिनाख्त के बाद पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कोतवाल मनोज कुमार के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। परिजनों ने बताया कि हेतराम सिंह तनाव में थे। उनकी तरफ से कोई तहरीर नहीं दी है। इंस्पेक्टर ने मामला काशीपुर का बताकर परिवार के लोगों को वहां भेज दिया।

मिस्त्री के पास मिली थी बाइक

प्राइमरी टीचर घर से तीस अक्टूबर को नगर में तिकोनिया बस स्टैंड पर बिजलीघर के पास शमा मिस्त्री के पास पहुंचे थे। बाइक सर्विस के लिए मिस्त्री को सौंपकर पैदल चले गए थे। इसके बाद वापस नहीं लौटे तो मिस्त्री ने पांच नवंबर को परिजनों को सूचना दी। परिजन बाइक को मिस्त्री की दुकान से ले गए थे। 

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