UP Police : मुरादाबाद में दो साल में लाखों रुपये की लूट, पूरा माल बरामद करने में नाकाम रही पुलिस

Loot in Moradabad कुछ मामलों में सौ फीसद रकम बरामद की गई लेकिन कुछ मामलों में 40 फीसद तक लूटी गई रकम नहीं बरामद हो सकी। गुडवर्क के नाम पर पुलिस की पीठ तो खूब थपथपाई गई लेकिन पीड़ितों को माल व रकम न मिलने का मलाल आज भी है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 10:01 AM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 10:01 AM (IST)
UP Police : मुरादाबाद में दो साल में लाखों रुपये की लूट, पूरा माल बरामद करने में नाकाम रही पुलिस
जनपद में दो साल में 46 लूट के मुकदमें थानों में दर्ज किए गए।

मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। Loot in Moradabad : कोराेना महामारी का प्रकोप बीते दो सालों से चल रहा था। ऐसे में प्रतिबंध के कारण लोगों का घर से बाहर आना-जाना नहीं हो पाता था। लेकिन इसके बाद भी लूट की वारदातों को अंजाम दिया गया है। जनपद में बीते दो साल में 46 लूट के मुकदमों को दर्ज किया गया। पुलिस ने बेहतर काम दिखाते हुए 43 लूट की वारदातों का पर्दाफाश करते हुए आरोपितों को जेल भेजने की कार्रवाई की। लेकिन लूट की पूरी रकम बरामद करने में पुलिस नाकाम रही। कुछ मामलों में सौ फीसद रकम बरामद की गई, लेकिन कुछ मामलों में 40 फीसद तक लूटी गई रकम नहीं बरामद हो सकी। गुडवर्क के नाम पर पुलिस की पीठ तो खूब थपथपाई गई, लेकिन पीड़ितों को माल व रकम न मिलने का मलाल आज भी है।

लूट की घटनाओं के बाद पुलिस पर पर्दाफाश करने का दबाव रहता है। ऐसे में पुलिस तेजी के साथ आरोपितों तक पहुंच जाती है, लेकिन पीड़ित को पूरी रकम लुटेरों के पास से मिलना मुश्किल हो जाता है। बहुत कम मामले होते हैं, जिनमें पुलिस लूटी गई रकम को बरामद करने में कामयाब रही है। बीते दो सालों में जनपद से लुटेरों ने 69 लाख 21 हजार रुपये की संपत्ति और नकदी लूटकर घटनाओं को अंजाम दिया है। जबकि पुलिस 37 लाख 50 हजार रुपये के माल और नकदी की बरामदगी कर सकी है। जबकि लगभग 31 लाख 71 हजार रुपये के माल और नकदी को लुटेरे हजम कर गए। हालांकि पुलिस साल 2020 के मुकाबले 2021 में लूट की घटनाओं पर शिकंजा कसने में कामयाब जरूर हुई है। लेकिन लूट का माल बरामद करने में पुलिस को सौ फीसद सफलता नहीं मिली है।

लूट की वारदातों का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस पूरी तत्परता से काम करती है। कुछ मामलों में पैसे और नकदी लेकर भागने वाले लुटेरे की गिरफ्तारी न होने के कारण भी पूरा माल बरामद नहीं हो पाता है। लेकिन ऐसे लुटेरों को पकड़ने और माल बरामद करने के लिए लगातार टीमें दबिश देती हैं। यह कार्रवाई निरंतर चलती रहती है। पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए पुलिस लगातार काम करती है।

शलभ माथुर, डीआइजी,मुरादाबाद

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