सावधान रहें, साइबर ठग आधार कार्ड और अंगूठे का क्लोन बना खातों से निकाल रहे रकम, जानें कहां से और कैसे चोरी कर रहे डाटा
UP Cyber Crime News साइबर अपराधी शातिराना तरीके से किसी भी खाते में सेंध लगाकर पैसे निकाल रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कराने में प्रयोग किए गए आधार कार्ड फोटो व अंगूठे के निशान का क्लोन बनाकर किसी भी खाते से पैसा निकाल सकते हैं।
मुरादाबाद, (आसिफ अली)। UP Cyber Crime News : साइबर अपराधी शातिराना तरीके से किसी भी खाते में सेंध लगाकर पैसे निकाल रहे हैं। जमीन की रजिस्ट्री कराने में प्रयोग किए गए आधार कार्ड, फोटो व अंगूठे के निशान का क्लोन बनाकर किसी भी खाते से पैसा निकाल सकते हैं। दरअसल लगभग सभी बैंक द्वारा अंगूठे के निशान के माध्यम से पैसा निकालने की सुविधा एक्टिवेट की गई है। साइबर ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं।
क्लोन बनाने के लिए वह रजिस्ट्री विभाग की ओपन वेबसाइट से डाटा चोरी कर रहे हैं।साइबर क्राइम करने वाले शातिर लोगों की मेहनत की कमाई किस तरह बैंक खातों से चोरी कर रहे हैं उसके बारे में सुनकर हैरत में पड़ जाएंगे। हाल ही में जिले में प्रकाश में आए ऐसे दो मामलों ने साइबर सेल के होश उड़ा दिए हैं। अपराधियों ने खाता धारकों के अंगूठे के निशान के क्लोन बनाकर आधार कार्ड के माध्यम से साढ़े चार लाख रुपये निकाले हैं।
खाता धारकों को पैसे निकलने के बाद मोबाइल पर मिले मैसेज से जानकारी हुई। जबकि उन्होंने कभी भी अंगूठा लगाकर पैसे नहीं निकाले थे। दरअसल साइबर ठग किसी भी जमीन खरीदने वाले या बेचने वाले व्यक्ति के अंगूठे के निशान स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की वेबसाइट से चुरा कर उसका क्लोन बना रहे हैं।
ऐसे करते हैं डाटा चोरी : दरअसल इंटरनेट पर स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग ने जमीन की खरीद-फरोख्त किए जाने का समस्त डाटा सार्वजनिक किया हुआ है। सरकारी वेबसाइट igrsup.gov.in को लॉगिन कर स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग की वेबसाइट खुल जाती है। उस पर जिला, क्षेत्र व किसी भी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन लिखकर क्लिक करते हैं तो संबंधित संपत्ति का पूरा ब्योरा खुलकर सामने आ जाता है। रजिस्ट्री के दस्तावेज, आधार कार्ड व अंगूठे के निशान भी आ जाते हैं। यहीं से साइबर अपराधी किसी भी अंगूठे के निशान कॉपी कर उसका क्लोन बना रहे हैं।
यह मामले प्रकाश में आएः केस-1- जनपद के बछरायूं में रहने वाले मोहम्मद इरफान के खाते से दो बार में साढ़े तीन लाख रुपये निकाल लिए गए थे। बीती 17 जून को यह पैसे निकाले गए थे। मोबाइल पर मैजेस मिलने पर उन्हें जानकारी हुई थी। चूंकि उन्होंने पैसों का कोई लेनदेन नहीं किया था, लिहाजा वह बैंक पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अंगूठा लगाकर खाते से रकम निकाली गई है। उनकी शिकायत पर अब साइबर सेल मामले की जांच कर रही है।
केस-2- दूसरा मामला नौगावां सादात थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर पट्टी का है। यहां रहने वाले किसान राजेंद्र सिंह के खाते से भी बीती 25 अगस्त को एक लाख रुपये निकाले गए थे। उन्हें भी मोबाइल पर मिले मैसेज से पैसे निकाले जाने की जानकारी हुई थी। पड़ताल में पता चला कि अंगूठा लगाकर उनके खाते से रकम निकाली गई है। इस मामले की जांच भी साइबर सेल कर रही है।
क्या कहते हैं अधिकारीः एसपी पूनम ने बताया कि साइबर क्राइम के मामलों में शिकायत मिलते ही तत्काल जांच शुरू कराई जाती है। जिस खाते में धनराशि ट्रांसफर हुई है, संबंधित बैंक से वार्ता कर उसे फ्रीज यानि लेनदेन पर रोक लगवा दी जाती है। प्रयास यही रहता है कि धनराशि वापस कराई जा सके। अधिकांश मामलों में सफलता भी मिलती है।
एलडीएम उपेंद्र कुमार का कहना है कि पूर्व में ओटीपी पूछ कर खातों से पैसे निकाले जाने के मामले में प्रकाश में आए थे। परंतु अंगूठे का क्लोन बनाकर धोखाधड़ी का मामला पहली बार संज्ञान में आया है। इस संबंध में लोगों को भी जागरूक किया जाएगा तथा बैंक के उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया जाएगा। ताकि साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सके।
सब रजिस्ट्रार मनीष कुमार सिंह का कहना है कि किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री का ब्योरा सार्वजनिक करना शासन स्तर की प्रक्रिया है। यदि इससे साइबर क्राइम बढ़ रहा है तो गंभीर मामला है। यदि इस संबंध में शासन स्तर से कोई आदेश प्राप्त होगा उसी के मुताबिक अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। मनीष कुमार सिंह, सब रजिस्ट्रार अमरोहा।