एक बेड पर दो मरीज फिर भी लौटाए जा रहे

डेंगू मलेरिया और टाइफाइड का प्रकोप जिले भर में फैला हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:40 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 08:40 PM (IST)
एक बेड पर दो मरीज फिर भी लौटाए जा रहे
एक बेड पर दो मरीज फिर भी लौटाए जा रहे

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड का प्रकोप जिले भर में फैला हुआ है। स्वास्थ्य विभाग भले ही सरकारी तंत्र सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहा है लेकिन, स्थिति बहुत गंभीर है। इमरजेंसी में पहुंचते ही मरीज से बोल दिया जाता है कि भर्ती होने से पहले बेड की व्यवस्था करो। इसके बाद ही आपकी फाइल बनाई जाएगी। मेडिकल वार्ड, डेंगू वार्ड के साथ ही अन्य तमाम वार्ड फुल हो चुके हैं। हालात यह हैं कि एक-एक बेड पर दो-दो मरीज भर्ती हैं, फिर भी प्रतिदिन 15-20 मरीजों को अस्पताल से लौटाया जा रहा है। बुखार के भयंकर प्रकोप के बाद भी अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था नहीं की गई है। समय: दोपहर 1:15 बजे

जिला अस्पताल की इमरजेंसी

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में इमरजेंसी मेडिकल आफिसर डा. शेर सिंह कक्कड़ व फार्मासिस्ट बैठे थे। इमरजेंसी में मरीज स्ट्रेचर पर था। रामपुर दोराहा स्थित अस्पताल का कर्मचारी खून से लथपथ बैठा हुआ था। कटघर थाने के पुलिस कर्मी घायलों को लेकर इमरजेंसी में खड़े थे। कोरोना प्रोटोकाल का कोई पालन नहीं किया जा रहा था। हालात ऐसे ही रहे तो डेंगू के साथ कोरोना संक्रमण फैलने में भी देर नहीं लगेगी।

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दोपहर 1:45 बजे मेडिकल वार्ड

जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में डेंगू, टाइफाइड के मरीजों को भर्ती किया गया है। 10 बेड पर 20 मरीज भर्ती हैं। इससे अधिक मरीजों के तीमारदार हैं। हालात ये हो चुके हैं कि कई मरीजों को इमरजेंसी कक्ष से ही भगाया जा रहा है। सर्जिकल वार्ड, इमरजेंसी एक्सटेंशन-टू के अलावा बच्चा वार्ड में 15-15 मरीज भर्ती हैं। ये हाल तब है जब मरीजों को वापस भी किया जा रहा है। अगर सभी को भर्ती कर लिया जाए तो अस्पताल में वार्ड के बाहर बेड डालने पड़ेंगे।

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केस वन

मुहल्ला पीरजादा की 14 वर्षीय कहकशां को लेकर उसकी मां फिरदौस जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची थीं। बच्ची की जांच निजी पैथलैब में कराई थी। उसे डेंगू और पीलिया की पुष्टि हुई थी। निजी अस्पताल में प्रतिदिन चार हजार रुपये से अधिक का खर्च आ रहा था। जिला अस्पताल लाई तो इमरजेंसी के बाहर एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

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केस दो

नागफनी पुराना दसवां घाट के रहने वाले 47 वर्षीय रमेश कश्यप को पिछले चार दिन से बुखार आ रहा था। रविवार को घर के बाहर निकले तो चक्कर खाकर सड़क पर गिर गए। परिवार के लोग उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो उन्हें वहां से वापस कर दिया गया। कहा गया कि अस्पताल फुल है। कहीं दूसरे अस्पताल में इंतजाम कर लो।

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कहां गए फोल्डिंग-पलंग

कोरोना काल में मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने करीब एक हजार फोल्डिग पलंग मंगवाए थे। डेंगू के मरीज बढ़ने के साथ कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर फोल्डिग पलंग रखकर मरीजों का उपचार किया जाएगा लेकिन, एक सप्ताह से अस्पताल मरीजों से भरा है। इसके बाद भी अतिरिक्त व्यवस्था मरीजों के लिए नहीं की गई है। इससे हालात और भी अधिक खराब हो रहे हैं।

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डेंगू की रोकथाम के लिए लगातार काम किया जा रहा है। अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने से कुछ परेशानी हो रही है। सोमवार को स्थिति का जायजा लिया जाएगा। इसके बाद अतिरिक्त व्यवस्थाएं कराई जाएंगी।

डा. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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