मुरादाबाद में अवैध रूप से चल रहे दो क्लीनिक सील, संचालकों के खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा

डेंगू के तेजी से पैर पसारने और झोलाछापों के मनमानी कीमत वसूलने की शिकायतें मिलने के साथ स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। भोजपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामारी कर फर्जी तरीके से चल रहे दो क्‍लीनिक को सील कर दिया।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 07:10 AM (IST)
मुरादाबाद में अवैध रूप से चल रहे दो क्लीनिक सील, संचालकों के खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा
स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचने पर भाग निकले झोलाछाप।

मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। डेंगू के तेजी से पैर पसारने और झोलाछापों के मनमानी कीमत वसूलने की शिकायतें मिलने के साथ स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। भोजपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामारी कर फर्जी तरीके से चल रहे दो क्‍लीनिक को सील कर दिया। एक सप्ताह के अंदर अस्पताल प्रबंधन से अभिलेख जमा कराने के आदेश दिए। क्‍लीनिक का संचालन करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी एमसी गर्ग के निर्देशन में एक टीम का गठन कर, डाक्टर कुलजीत, डाक्टर सुनील, डाक्टर मोहम्मद अशरफ, हरगोविंद आर्य, अंकुर शर्मा ने भोजपुर क्षेत्र के दर्जन भर गांव का भ्रमण किया। फर्जी तरीके से गांव भोजपुर के गांव लालूवाला में नूरी हेल्थ केयर ब रुस्तमपुर तिगरी में रजा हेल्थ केयर क्लीनिक अवैध रूप से चलते मिले। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लीनिक पंजीयन के कागजात मांगे तो उसका संचालक मौके से फरार हो गया। दोनों क्लीनिक को सील कर दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. अशरफ ने भोजपुर थाना पुलिस को तहरीर देकर फर्जी तरीके से चला रहे क्लीनिक के संचालक मोहम्मद ताहिर, निवासी ग्राम लालूवाला ब इसराइल ग्राम रूस्तमपुर तिगरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। दोनों को ही एक सप्ताह के अंदर क्लीनिक के अभिलेख जमा कराने के आदेश भी दिए। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. एमसी गर्ग ने बताया कि टीम ने भोजपुर क्षेत्र में बिना पंजीयन के चल रहे दो क्लीनिक को सील किया गया है।

झोलाछापों के खिलाफ बढ़ रही शिकायतें : भोजपुर के ग्राम लालू वाला में बीते 15 दिन से लगातार बुखार डेंगू तेजी से बढ़ा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में डेरा डाल रखा था। लोगों को दवाई वितरण सहित स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही थीं। गांव के अधिकांश लोगों के सैंपल लेकर जांच कराई गई। इसमें पता चला कि अधिकांश लोग झोलाछाप से उपचार करा रहे हैं। इसके चलते लगातार झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा रही है। गांव के कई लोग झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कर चुके हैं। 

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