Triple murder of Sambhal : भाइयों ने कराई थी प्रेमी-प्रेमिका की हत्या

Triple murder of Sambhal बंटी-सुखिया ही नहीं कुलदीप की भी हत्या हुई थी। तीनों की हत्या करने वाले सुखिया के दो भाई सहित गांव के दो युवक गिरफ्तार।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 06:37 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 06:37 PM (IST)
Triple murder of Sambhal : भाइयों ने कराई थी प्रेमी-प्रेमिका की हत्या
Triple murder of Sambhal : भाइयों ने कराई थी प्रेमी-प्रेमिका की हत्या

सम्भल, जेएनएन। धनारी के गढा गांव में बंटी-सुखिया ही नहीं कुलदीप की मौत से भी राजफाश हो गया। बंटी व सुखिया की हत्या उसके सगे दो भाइयों ने ही कराई थी। राज न खुले इसके लिए बंटी सुखिया की हत्या के दौरान चश्मदीद बने कुलदीप की भी ठीक उसी तरह से हत्या कर शव पेड़ से लटका दिया गया। दोनों भाइयों ने इसके लिए गांव के ही दो युवकों की मदद ली थी और 2.5 लाख रुपये में हत्या का सौदा किया था। घटना में शामिल चार लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन सभी को गिरफ्तार कर लिया है। नकदी सहित हत्या में प्रयुक्त किए गए सभी सामान को बरामद कर लिया है। एसपी यमुना प्रसाद ने बुधवार को कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड से पर्दा उठा दिया। सभी आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।

एसपी ने बताया कि घटना को 25 जून की रात में ही अंजाम दिया गया था। शाम को बंटी पुत्र बिन्नामी तथा सुखिया पुत्री तुलसीदास अपने घर से भाग गए थे। भागने के बाद दोनों गांव के बाहर गन्ने के खेत में छुप गए थे। यहां अचानक गांव के ही जगपाल उर्फ मुल्ला जी पुत्र बालू यादव ने दोनों को खेत में देख लिया था। वह यहां से गांव में गया और यह बात सुखिया के भाई विनीत उर्फ लाला को बताई। समाज में बदनामी न हो इस डर की वजह से विनीत ने जगपाल, अपने भाई किशोरी और गांव के ही श्योराज पुत्र हेतराम से बात की। विनीत ने दोनों की हत्या के लिए जगपाल व श्योराज से ढाई लाख रुपये में सौदा कर लिया। रणनीति के तहत चारों ने मिलकर गन्ने के खेत में ही दोनों की हत्या कर दी। उसी वक्त विनीत का छोटा भाई भी कुलदीप भी मौके पर आ गया और उसने हत्या होते देख ली। कुलदीप को समझाकर उन लोगों ने भेज दिया और बंटी व सुखिया के शव को ले जाकर देवराज उर्फ दानवीर के लिप्टिस के बाग में लटका दिया। शव को कोई पहचान न पाए इसके लिए दोनों के चेहरे पर तेजाब भी डाला था।

एसपी ने बताया कि घटना को सुनयोजित तरीक से अंजाम दिया गया था। ताकी यह खुदकुशी लगे। यही हुआ भी। जब एक जुलाई को बंटी व सुखिया के शव मिले तो कुलदीप ने दोनों के हत्या की जानकारी अन्य लोगों को देने की बात कही तो अगले दिन 2 जुलाई की रात ठीक उसी तरीके से इन लोगों ने कुलदीप को गन्ने के खेत में बुलाया और उसकी भी हत्या कर डाली तथा शव को पेड़ से लटका दिया ताकी यह भी खुदकुशी लगे लेकिन कुलदीप की मौत के बाद जांच का एंगल बदल गया। एएसपी आलोक जायसवाल, सीओ केके सरोज, इंस्पेक्टर सत्येंद्र पाल भड़ाना को और गहराई से छानबीन करने का निर्देश दिया गया। जब सख्ती से पूछताछ हुृई तो सुखिया के भाई विनीत और किशोरी टूट गए और उन लोगों ने पूरी वारदात को सामने ला दिया। विनीत, किशोरी के साथ ही जगपाल और श्योराज को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज उन्हें जेल भेज दिया गया है। घटना कराने के लिए दिए गए 2.5 लाख रुपये, तेजाब की बोतल सहित अन्य सामान बरामद कर लिया गया है। इस पूरे घटनाक्रम की कवरेज जागरण ने आठ जुलाई के अंक में ही कर दी थी। 

सुखिया के पिता बोले-बेटे ने मरवाया यकीन नही हो रहा 

नियति जो न कराए। जब दोनों भागे थे तो सब अवाक थे। समाज की ङ्क्षचता भी। ऐसे में सुखिया के पिता की तुलसी दास की माने तो उन्हें इस घटना क्रम पर यकीन नहीं हो रहा है। वह कहते हैं कि मेरे ही बेटे ने ढाई लाख रुपये देकर मरवा दिया। भरोसा नहीं हो रहा है। बोले कि 25 जून को दोनों भाग गए थे। बंटी व सुखिया रिश्ते में मौसेरे भाई-बहन थे। शादी को तीन दिन बाकी रह गए थे। ऐसे में दोनों के द्वारा उठाए गए कदम ने सभी को झकझोर दिया। घटना के बाद विन्नामी से मिले और उनसे कहा कि किसी तरह से दोनों की तलाश करो और उन्हें कुछ पैसे देकर मदद करो। उनसे कहो की गांव कभी ना आये। हम लोगों के सामने ना पड़े। कहीं भी रहे दोनों सुखी रहकर अपना जीवन यापन करें। गांव में आने से दोनों की बदनामी होगी। उन्होंने जो भी किया गलत किया है। अब उनका गांव आना ही सबसे ज्यादा दुखदायी होगा। बाहर रहकर अपनी ङ्क्षजदगी की गुजर बसर करें। इसके बाद अब हत्या की बात सामने आई तो मैं खुद अवाक रह गया। एक रात में ढाई लाख रुपये का इंतजाम कर मरवाने की बात निराधार है। मुझे अपने बेटे के इस कार्य पर यकीन नहीं हो रहा है।

गांव में चर्चा परिवार ने ही विनीत को पुलिस के सुपुर्द किया

थाना धनारी क्षेत्र के गांव गढा में हुए ऑनर किलिंग में तीन हत्याओं के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव के चौपाल पर सिर्फ इस ऑनर किलिंग की ही चर्चा हैं। सभी परिवार के द्वारा उठाए गए इस कदम से सन्न हैं। किसी को इस बात का यकीन नहीं है कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम गांव के व परिवार के लोगों ने ही दिया। वहीं मृतक कुलदीप के चाचा वीर सिंह का कहना है कि पुलिस द्वारा लगातार इस बात का दबाव बनाया जा रहा था कि विनीत घर से क्यों फरार है। विनीत के चक्कर में सभी परेशान हो रहे थे। ऐसे में विनीत को छह जुलाई को मैंने पुलिस को सौंप दिया था। उसके बाद उससे कोई बात नहीं हो पाई है।  

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