चन्दौसी-अलीगढ़ रेल मार्ग पर अभी इलेक्ट्रिक इंजन से नहीं चल पाएंगी ट्रेनें, सीसीआरएस को निरीक्षण में मिलीं कई कमियां

Indian Railway News चन्दौसी-अलीगढ़ व राजा का सहसनपुर-सम्भल रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के चलने का इंतजार करना पड़ेगा। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) की गति परीक्षण में हरदुआगंज से चन्दौसी एक घंटे में ट्रेन पहुंच गयी थी।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 24 Mar 2022 03:53 PM (IST) Updated:Thu, 24 Mar 2022 03:53 PM (IST)
चन्दौसी-अलीगढ़ रेल मार्ग पर अभी इलेक्ट्रिक इंजन से नहीं चल पाएंगी ट्रेनें, सीसीआरएस को निरीक्षण में मिलीं कई कमियां
Indian Railway News : अप्रैल के प्रथम सप्ताह में स्वीकृति पत्र मिलने की संभावना

मुरादाबाद, जेएनएन। Indian Railway News : चन्दौसी-अलीगढ़ व राजा का सहसनपुर-सम्भल रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के चलने का इंतजार करना पड़ेगा। मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) की गति परीक्षण में हरदुआगंज से चन्दौसी एक घंटे में ट्रेन पहुंच गयी थी। स्वीकृति मिलने के बाद एक्सप्रेस में 40 मिनट की बचत होगी। सीसीआरएस ने मंगलवार को विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद चन्दौसी-अलीगढ़ और राजा का सहसपुर-सम्भल रेल मार्ग का विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण और गति का परीक्षण किया था।

उसके बाद भी सीसीआरएस ने दोनों मार्गों पर इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन चलाने व अलीगढ़ मार्ग पर गति बढ़ाने का आदेश नहीं दिया था। इसके कारण से अभी दोनों मार्गों पर डीजल इंजन से ट्रेनों को पहले से निर्धारित गति चलायी जा रही है। निरीक्षण के दौरान दोनों मार्गों पर विद्युतीकरण के मामले में मामूली कमी को इंगित किया था और तत्काल सुधार करने का आदेश भी दिया है। संरक्षा के मामले सुधार करने को कहा था।

मंगलवार रात सीसीआरएस ने अलीगढ़ रेल मार्ग के हरदुआगंज से चन्दौसी तक इलेक्ट्रिक इंजन के द्वारा 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चलाकर परीक्षण किया था। परीक्षण ट्रेन एक घंटे में पहुंच गयी थी। जबकि, लिंक एक्सप्रेस को यह दूरी तय करने में वर्तमान में एक घंटे 41 मिनट का समय लगता है। सीसीआरएस के जाते ही भारतीय रेलवे विद्युतीकरण संगठन (आरइ) की टीम इंगित किए गए कमियों को दूर करने में जुट गए हैं।

माना जा रहा है कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक सीसीआरएस इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरू करने की लिखित आदेश भेज सकते हैं। उसके बाद दोनों रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों व मालगाड़ी का संचालन किया जा सकता है। साथ ही मुरादाबाद सम्भल के बीच चलने वाली डीएमयू के स्थान पर मेमू ट्रेन चलाया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी