टीएमयू के सामने फ्लाईओवर ब्रिज पर हादसा, प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत

पाकबड़ा थाना क्षेत्र में टीएमयू के सामने फ्लाईओवर ब्रिज पर मंगलवार देर रात अज्ञात वाहन ने प्रशिक्षु डॉक्टर को टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 08:05 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 08:05 PM (IST)
टीएमयू के सामने फ्लाईओवर ब्रिज पर हादसा, प्रशिक्षु डॉक्टर की मौत
टीएमयू के सामने फ्लाईओवर ब्रिज पर हादसा

मुरादाबाद, जेएनएन। पाकबड़ा थाना क्षेत्र में टीएमयू के सामने फ्लाईओवर ब्रिज पर मंगलवार देर रात अज्ञात वाहन ने प्रशिक्षु डॉक्टर को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर मृत्यु हो गई। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इसके साथ ही घटना की सूचना परिजनों को दी गई। पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

बिहार के दरभंगा जनपद के लाल बांध संवेदना अस्पताल जीएम रोड निवासी डॉ. मृगांक अंबर पाकबड़ा तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय में रेडियोलॉजिस्ट से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे। मंगलवार को रात करीब 12 बजे के बाद वह मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को देखने के बाद ढाबे पर खाना खाने के लिए बाइक से निकले थे। इसी दौरान टीएमयू से कुछ दूरी पर बने फ्लाईओवर ब्रिज को पार करते समय पीछे से आ रहा अज्ञात वाहन उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वह सड़क पर गिर गए और वाहन उन्हें कुचलते हुए गुजर गया। इससे मृगांक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, दुर्घटना की सूचना मिलने पर पाकबड़ा थाना प्रभारी रजनी द्विवेदी मौके पर पहुंचीं। जेब में मिले आइकार्ड से उनकी पहचान हुई। उनके मोबाइल से ही स्वजनों को सूचना दी गई। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थाना प्रभारी ने बताया कि बुधवार दोपहर मृतक के परिजनों के आने के बाद शव को उनके हवाले कर दिया गया। अज्ञात वाहन के बारे में जानकारी जुटाने की कार्रवाई की जा रही है।

घर का इकलौता चिराग बुझा, गम में सूखे आंसू 

टीएमयू में रेडियोलॉजिस्ट पीजी का कोर्स कर रहे हैं, मृगांक अंबर की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिवार को आंसू सूख गए हैं। घर के इकलौते चिराग को रेडियोलॉजिस्ट बनाने के लिए एक साल पहले पिता रवीन्द्र प्रसाद ने बेटे मृगांक को टीएमयू में साल 2019 में दाखिला कराया था। दरभंगा में पिता स्वयं संवेदना अस्पताल का संचालन करते हैं। टीएमयू में भी उनके व्यवहार को लेकर सभी खुले दिल से तारीफ करते थे। मंगलवार को देर रात जैसे ही पिता को बेटे के दुर्घटना की जानकारी दी गई वैसे ही वह बेसुध हो गए। तैसे तैसे खुद को संभाला और परिवार के सभी सदस्यों को हिम्मत बांधते हुए मुरादाबाद चलने के लिए कहा। लेकिन, पत्नी वंदना, बेटी रेखा और मेघा को यह नहीं बताया कि अब उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। मुरादाबाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचने के बाद सभी खामोश थे। किसी के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा था। पिता की आखों के सामने बेटे का शव था। बस एक नजर से कार्रवाई पूरी होने का इंतजार करते हुए दिखाई दिए। इस दौरान पुलिस ने सभी कानूनी कार्रवाई होने के बाद जब उनसे तहरीर देने के लिए कहा तो बोले बेटा खो दिया, अब किसके लिए तहरीर दूं। उपनिरीक्षक रामप्रकाश ने बताया कि परिवार की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। पुलिस इस मामले में अज्ञात वाहन के बारे में पता लगा रही है। परिवार के सदस्य पोस्टमार्टम हाउस से शव लेकर बिना कुछ बोले बिहार के लिए रवाना हो गए।

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