TMU News Moradabad : अब सोलर चूल्हे पर पकाए खाना, रसोईघर में आसानी से किया जा सकेगा इस्तेमाल
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी मुरादाबाद के सीनियर फैकल्टी प्रदीप कुमार गुप्ता ने इन्नोवेटिव सोलर चूल्हे का आविष्कार किया है। अब सोलर चूल्हे पर रोटी पकाना भी मुमकिन है। इस रिसर्च की सबसे बड़ी दो उपलब्धियां हैं। यह दुनिया का पहला सोलर स्टोव बताया जा रहा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सीनियर फैकल्टी प्रदीप कुमार गुप्ता ने इन्नोवेटिव सोलर चूल्हे का आविष्कार किया है। अब सोलर चूल्हे पर रोटी पकाना भी मुमकिन है। इस रिसर्च की सबसे बड़ी दो उपलब्धियां हैं। यह दुनिया का पहला सोलर स्टोव बताया जा रहा है। जिसका प्रयोग रसोईघर में किया जा सकेगा। इस चूल्हे पर रोटी सेंकना संभव होगा। इससे पहले सोलर स्टोव केवल खुली धूप में ही प्रयोग होते थे। इन स्टोवों पर केवल पानी और भोजन को गर्म करने का विकल्प था। यह आविष्कार ग्रामीण महिलाओं के लिए किफायती होने के साथ ईको फ्रेंडली भी है। अब सोलर स्टोव इस विकसित डिज़ाइन में भूनना, तलना, छौंकना और सेंकना आदि सब संभव हैं।
खेल-खेल में आया यह इन्नोवेटिव आइडिया
प्रदीप गुप्ता को यह इन्नोवेटिव आइडिया एक खेल के जरिए उस वक्त आया, जब बच्चे धूप में बैठकर लेंस के जरिए कागज जला रहे थे। इसी प्रक्रिया को बार-बार दोहरा कर उन्होंने इस चूल्हे को विकसित किया। एक चूल्हे के डिज़ाइन को डवलप करने में करीब एक वर्ष का समय लगा। इस चूल्हे को विकसित करने में उनकी टीम में रत्नेश शुक्ला, विकास वर्मा, आलोक सिंह सेंगर, प्रियांक सिंघल, मनीष जोशी, अमित कुमार और अनुभव गुप्ता का भी विशेष योगदान है। कुलाधिपति सुरेश जैन, जीवीसी मनीष जैन, कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह, एमजीबी अक्षत जैन, रजिस्ट्रार डा. आदित्य शर्मा, एसोसिएट डीन डा. मंजुला जैन ने कहा कि हमें यूनिवर्सिटी की सीनियर फैकल्टी प्रदीप कुमार गुप्ता की इस उपलब्धि पर नाज है। एफओईसीइस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि श्री गुप्ता की यह रिसर्च दुनिया में मील का पत्थर साबित होगी।
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