न‍िजी अस्‍पतालों का एंबुलेंस चालकों से गठजोड़, सुविधा बताकर मरीज को अस्‍पताल पहुंचाने पर दावत के साथ म‍िलता है कमीशन

मंडल के रामपुर में निजी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर से लेकर हर तरह के इलाज की सुविधा बताकर मरीजों को लूटा जा रहा है। इस लूट में अस्पताल सभी हथकंडे अपना रहे हैं। इन्होंने मरीजों को लाने के लिए एजेंट लगा रखे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 04:40 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 04:40 PM (IST)
न‍िजी अस्‍पतालों का एंबुलेंस चालकों से गठजोड़, सुविधा बताकर मरीज को अस्‍पताल पहुंचाने पर दावत के साथ म‍िलता है कमीशन
अलग से कमीशन के तौर पर भी खुश किया जाता है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मंडल के रामपुर में निजी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर से लेकर हर तरह के इलाज की सुविधा बताकर मरीजों को लूटा जा रहा है। इस लूट में अस्पताल सभी हथकंडे अपना रहे हैं। इन्होंने मरीजों को लाने के लिए एजेंट लगा रखे हैं तो एंबुलेंस चालकों तक से गठजोड़ कर रखा है। यहां के अलावा मुरादाबाद, बरेली आदि शहरों के कई निजी अस्पताल वालों ने भी कुछ स्थानीय एंबुलेंस चालकों से साठगांठ कर रखी है। ये एंबुलेंस चालकों को अपने यहां मरीज लाने के बदले तगड़ा कमीशन देते हैं। इसके अलावा एंबुलेंस चालकों को समय-समय पर उपहार और दावत भी दी जाती है। दूसरे शहरों से अस्पताल संचालकों के एजेंट यहां आकर एंबुलेंस चालकों को दावत देते हैं ताकि एंबुलेंस चालक मरीज के तीमारदारों को उनके अस्पताल में लाने के लिए मना सकें। जो एंबुलेंस चालक मरीज लाता है, उसे अलग से कमीशन के तौर पर भी खुश किया जाता है।

पिछले दिनों अमरोहा जिले में ऐसा ही मामला पकड़ में आया था। यहां एक होटल में मुरादाबाद के निजी अस्पताल की ओर से एंबुलेंस चालकों को मुर्गे की दावत दी गई थी। इसकी शिकायत मिलने पर प्रशासन ने छापा मारकर 11 लोगों को पकड़ा भी था। हालांकि सभी एंबुलेंस चालक इनके झांसे में नहीं आते। कुछ ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। ऐसे ही एक एंबुलेंस चालक ने बताया कि यहां भी निजी अस्पतालों की ओर से एंबुलेंस चालकों की कई बार दावत हो चुकी है। इसके बदले में एंबुलेंस चालक मरीज ले जाते समय उनके स्वजन को निजी अस्पताल की खूबियां बताकर वहां ले जाने की सलाह देकर दावत का हक अदा करते हैं। यदि उनकी बात मानकर स्वजन मरीज को बताए गए अस्पताल में ले जाता है तो एंबुलेंस चालक को ईमानदारी के साथ उसका हिस्सा मिल जाता है। बाद में अस्पताल संचालक मरीज के इलाज का तगड़ा बिल बनाकर वसूल लेते हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राकेश चंद्रा बताते हैं कि निजी अस्पतालों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों पर कार्रवाई की जाती है।

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