पीएम आवास योजना के जरिये गरीबों का अपनी छत का सपना हो रहा पूरा, मुरादाबाद में बढ़ रही आवेदनों की संख्या
PM Awas Yojana प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को लेकर आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2017 से 2021 तक जिले में 27857 आवास में अब तक 13284 को छत मिल चुकी है और 11862 को तीसरी किस्त मिलने के बाद काम पूरा होने की स्थिति में है।
मुरादाबाद, जेएनएन। PM Awas Yojana : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना को लेकर आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2017 से 2021 तक जिले में 27857 आवास में अब तक 13284 लाभार्थियों को छत नसीब हो चुकी है और 11862 को तीसरी किस्त मिलने के बाद काम पूरा होने की स्थिति में है। आवास बनने की संख्या में वृद्धि से दूसरे जरूरतमंद लोगों में इस योजना पर विश्वास ऐसा बढ़ा कि अब आवेदनों की संख्या बढ़ गई है।जिससे नए आवेदन लेने फिलहाल रोक दिए हैं। अब तक आ चुके आवेदनों का सर्वे करने और चयनित लाभार्थियों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) भेजने के बाद ही नए आवेदन मांगे जाएंगे।
ढाई लाख रुपये गरीबों को आवास के लिए तीन किस्तों में देने की योजना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हाल ही में 14 लाभार्थियों को चाबी देकर इस योजना का प्रचार तेजी से हुआ है। जिससे आवेदन को लेकर डूडा कार्यालय में लोग आ रहे हैं। मगर, पुराने आवेदनों का सर्वे होने के बाद डीपीआर मंजूर होने तक नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। मुरादाबाद शहर में करीब 3156 के आवेदन के आधार पर सर्वे जारी है जबकि 3705 की डीपीआर शासन को भेजने के लिए तैयार है। शहरी क्षेत्रों में मुरादाबाद महानगर, बिलारी, ठाकुरद्वारा, भोजपुर, उमरी कला, कुंदरकी, अगवानपुर, पाकबड़ा, डिलारी समेत अन्य शहरी क्षेत्र भी शामिल हैं।
ऐसे मिलेगा लाभः प्रधानमत्री आवास योजना में जिन लोगों के आवास जर्जर हैं या खाली प्लाट है। वार्षिक आय तीन लाख रुपये कम होने पर ही इस योजना का लाभ मिलता है। आवेदन के बाद जांच और जीयो टेगिंग होगी। इ इस योजना में बने आवास की फोटो डालकर भी डूडा विभाग प्रचार कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में अभी तक लंबित आवेदनों का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में सही पाए जाने पर डीपीआर बनाकर भेजी जाएगी। 2017 से अब तक 27857 लोगों के आवेदन मंजूर होने के बाद 11862 को तीसरी किस्त व 13284 की छत डाली जा चुकी है।
अब तक जिले में बने प्रधानमंत्री आवास की स्थित
सर्वे में पास आवेदन-27867
18550 को पहली किस्त
15503 को दूसरी किस्त
11862 को तीसरी किस्त
13284 की छत पड़ी