रामपुर में मतांतरण के मामले में तीन को भेजा जेल, मुख्य आरोपित को अब तक नहीं पकड़ सकी पुलिस, भड़क रहे हिंदू संगठन

रामपुर के सैफनी चौकी क्षेत्र में मतांतरण के मामले में पुलिस ने महिला समेत तीन आरोपितों को जेल भेज दिया है। हालांकि अभी मुख्य आरोपित पकड़ा नहीं जा सका है। मामला सैफनी के बैरुआ गांव का है। यहां रहने वाले ट्रक चालक महफूज की दोस्ती उत्तराखंड निवासी युवक से थी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 03:50 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 03:50 PM (IST)
रामपुर में मतांतरण के मामले में तीन को भेजा जेल, मुख्य आरोपित को अब तक नहीं पकड़ सकी पुलिस, भड़क रहे हिंदू संगठन
रामपुर में मतांतरण के मामले में तीन को भेजा जेल, मुख्य आरोपित को अब तक नहीं पकड़ सकी पुलिस,

मुरादाबाद, जेएनएन। रामपुर के सैफनी चौकी क्षेत्र में मतांतरण के मामले में पुलिस ने महिला समेत तीन आरोपितों को जेल भेज दिया है। हालांकि अभी मुख्य आरोपित पकड़ा नहीं जा सका है। मामला सैफनी के बैरुआ गांव का है। यहां रहने वाले ट्रक चालक महफूज की दोस्ती उत्तराखंड के बाजपुर निवासी युवक से थी। वह भी ट्रक चलाता था। आठ मई को उसकी सड़क हादसे में मौत हो गई थी। ट्रक चालक की मौत के बाद उसकी पत्नी बच्चों के साथ उत्तराखंड के कालाढूंगी में रहने लगी थी। पति की मौत के बाद महफूज उसकी पत्नी और बच्चों को सहारा देने के बहाने अपने गांव ले आया।

आरोप है कि उसने दोस्त की पत्नी का मतांतरण कराकर निकाह कर लिया। महिला और उसके बच्चों का नाम भी बदल दिया। महफूज के परिवार वालों ने महिला के दो बेटों का खतना भी करवा दिया। पूरे गांव में इसकी दावत भी हुई। इसके बाद मामला चर्चा में आ गया। सूचना पुलिस अफसरों तक पहुंची तो शनिवार देर रात पुलिस ने बैरुआ गांव में महफूज के घर छापा मारकर महिला व उसके बच्चों को छुड़ाया।

महफूज, उसके पिता अंजार, मां मुमताज और खतना कराने वाले पुराना रायपुर गांव के शकील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। महफूज पुलिस के हाथ नहीं आया, जबकि बाकी तीन को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया था। सैफनी चौकी प्रभारी प्रवीण कुमार कटियार ने बताया कि मुख्य आरोपित महफूज फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

पति की मौत के पीछे भी महफूज का हो सकता है हाथ, पुलिस करे जांच

मतांतरण का यह मामला चर्चा में आने के बाद हिंदू संगठनों में भी आक्रोश है। संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि यह सोची समझी साजिश के तहत किया गया है। महफूज की नजर महिला पर पहले से थी। उसने महिला के पति से 20 हजार रुपये भी लिए थे। रुपये वापस नहीं दे रहा था, जिसे लेकर उनके बीच विवाद भी हुआ था। ऐसे में संभावना है कि सड़क हादसे के जरिये महफूज ने ही महिला के पति को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया हो। पुलिस को इस मामले में भी जांच करनी चाहिए।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री यशपाल सिंह का कहना है कि चौकी प्रभारी नए आए हैं। लेकिन, चौकी के कुछ पुलिस कर्मियों को इसकी जानकारी थी। इसके बाद भी उन्होंने चौकी प्रभारी को नहीं बताया। खतना के दौरान गांव में दावत हुई थी। खतने के बाद दोनों बच्चों की हालत बिगड़ गई। बच्चों के चीखने चिल्लाने के बाद मतांतरण की बात फैली। पुलिस के उच्चाधिकारियों को जानकारी मिली तो उनके आदेश के बाद चौकी पुलिस ने एक्शन लिया। पुलिस ने कार्रवाई तो की है, लेकिन अभी कुछ अन्य दोषियों को बचाने का प्रयास किया है।

निकाह के समय गवाह बनाए गए लोगों को भी मुकदमे में नामजद किया जाना चाहिए। पुलिस ने मुकदमे की धाराओं में भी खेल किया है। अंग भंग की धारा नहीं जोडी गई। उन्हाेंने कहा कि यह मामला संवेदनशील है। इसकी जांच सीओ स्तर के अधिकारी की देखरेख में होनी चाहिए। महिला के पति की मौत के पीछे महफूज भी जिम्मेदार हो सकता है, इस बिंदू पर भी जांच करनी चाहिए।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचार प्रमुख उपेंद्र मिश्रा महफूज का पिता गैंगस्टर है। एक गैंगस्टर इतनी बड़ी हरकत कर रहा है। इसका मतलब कि उसके मन में पुलिस का कोई खौफ नहीं है।

उसने अपने बेटे का महिला से निकाह कराया। महिला का मतांतरण कराया। महिला के दो नाबालिग बच्चों का खतना कराया। उन्होंने मामले की जांच उच्चाधिकारी से कराने की मांग की। कहा कि इस घटना में कई अन्य लोग भी शामिल हैं। विवेचना में इनके नाम सामने आने चाहिए।

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